असफलता जीवन की सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है: अभिनेता साकिब सलीम
नई दिल्ली: अभिनेता साकिब सलीम कुछ हिट और कुछ असफल फिल्म कर चुके हैं, लेकिन उनका मानना है कि उन्होंने अपनी असफलताओं को स्वीकार करने का हुनर सीखा है। उनका कहना है कि असफलता सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है, जो सफलता की दिशा में पहला कदम होती है। साकिब ने आईएएनएस को ईमेल पर बताया, ‘‘असफलता सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। यह आपको जीवन में बहुत कुछ सिखाती है और आपको बताती है कि आप कौन हैं। यह जीवन का एक हिस्सा है। हां, आप असफल होने पर बुरा महसूस करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह आपको लक्ष्य प्राप्त करने के लिए और भी ज्यादा प्रेरित करती है।’’ चंडीगढ़ में गोस्वामी गणेश दत्ता सनातन धर्म कॉलेज (जीजीडीएसडी) में टेडएक्स कार्यक्रम में असफलताओं व अपने संघर्ष के बारे में खुलासा करने वाले अभिनेता ने कहा, ‘‘असफलता के बाद भी मैं तब तक प्रयास करता हूं जब तक कि सफल नहीं हो जाता।’’वर्ष 2011 में ‘मुझसे फ्रेंडशिप करोगे’ के साथ बॉलीवुड में कदम रखने वाले अभिनेता ‘मेरे डैड की मारुति’ और ‘ढिशूम’ जैसी फिल्मों में नजर आए हैं। मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले साकिब ‘बॉम्बे टॉकीज’, ‘हवा हवाई’, ‘दोबारा : सी योर एविल’ और ‘रेज 3’ जैसी फिल्मों में भी नजर आए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं असफलता को जीवन का हिस्सा मानता हूं और हमेशा असफलताओं से सीखने की कोशिश करता हूं।
हर बार जब आप सफलता प्राप्त नहीं करते हैं। हां, यह सच है कि हर किसी का लक्ष्य सफलता प्राप्त करना है, लेकिन असफलता, सफलता की दिशा में पहला कदम है।’’ सफलता की परिभाषा बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए यह सिर्फ मेरी यात्रा की शुरुआत है और मेरे पास जीवन में हासिल करने के लिए बहुत कुछ है। मैंने जो भी लोकप्रियता हासिल की है, उसके लिए अपने परिवार और दर्शकों का आभारी हूं, जिन्होंने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है और मेरी कोशिश रहेगी कि मैं उन्हें गर्व करने का मौका दे सकूं।’’ साकिब का कहना है कि उनका परिवार ही है, जो उन्हें सही-गलत के बारे में बताता है। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैं घर वापस जाता हूं तो मेरी बहन हुमा (अभिनेत्री हुमा कुरैशी) और मेरे माता-पिता अगर कहीं भी मैं गलत हूं तो उसे बताते हैं। अगर वो देखते हैं कि मेरे साथ कुछ गलत हो रहा है, तो वो उसका सामना करने में मेरी मदद करते हैं। वे मुझे जमीन से जुड़ा रहने में मदद करते हैं और मुझे लगता है कि यह हर किसी के साथ है।’’