द्रोपदी ने कुत्तों को दिया था इतना बड़ा श्राप, जिससे आज भी उन्हें खुले में करना पड़ता है…
नई दिल्ली : क्या आपको पता है कि कुत्ते खुले में सहवास क्यों करते हैं। अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं। वो एेसा इस लिए करते हैं क्योंकि उन्हें श्राप मिला था। इस श्राप की वजह हम आपको बताते हैं। दरअसल जब अर्जुन द्रोपदी से विवाह करके घर लाये तो उन्होंने सबसे पहले अपनी माता को यह शुभ समाचार दिया पर उनकी माता की एक गलती से अनर्थ हो गया कि उन्होंने अर्जुन और पांच पांडवों को कह दिया बेटा जो कुछ भी लाये हो पांचों भाई आपस में बांट लो। इसके बाद माता की आज्ञा का पालन करने के लिए द्रोपदी पर अधिकार पांचों पांडवों का बराबर- बराबर हो गया।
उस रात द्रोपदी की सुहागरात के दिन जब वह बारी-बारी पांचों पांडवो के साथ अपना पत्नी धर्म निभा रही थी तो एक शर्त रखी गई कि जब एक पाण्ड के साथ द्रोपदी अपना पत्नी धर्म निभा रही हों तो दूसरे पांडव का कक्ष में आना वर्जित था। इसकी निशानी ये रखी गई कि जब कोई पांडव कक्ष में हो तो वह अपना बटुख (चप्पल) कक्ष के बाहर निकालें जिससे यह पता चल जाये कि कक्ष में कोई है। इसी तरह अर्जुन के साथ द्रोपदी ने अपना पत्नी धर्म निभाया उसके बाद बारी आई युधिष्टिर की तब ही एक बहुत बड़ा अनर्थ हुआ कि बाहर से 2 कुत्ते आये और उनके बटुख उठा कर ले गए।
इतने में तीसरे पांडव आये और उन्होंने बटुख को ना पाया देख कक्ष में प्रवेश कर दिया। और उन्होंने दूसरे पांडव को एक साथ कक्ष में देख लिया। इस पर द्रोपदी को बड़ा क्रोध आया। उसी समय उस पांडव ने बटुख वाली बात बताई और उसी समय सारे पांडव महल के बाहर गए और उन्होंने देखा कि उस बटुख से कुत्ते खेल रहे हैं। कुत्तों की इस गलती के कारण उन्हें श्राप मिला कि आज के बाद तुम्हे खुले में सहवास करना पड़ेगा और दुनिया तुम्हे देखेगी।