जीवनशैली

सावधान! तेल का ट्रांस फैट आपके लिए है धीमा जहर

खाद्य तेल में पाया जाने वाला ट्रांस फैट धीमा जहर है, जो हृदय और गुर्दा समेत शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर मौत का कारण बनता है. विशेषज्ञों ने बताया कि ट्रांस फैट एक प्रकार का असंतृप्त वसा अम्ल (अनसैचुरेटेड फैटी एसिड) है जो प्रकृति में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है और जिससे कोई नुकसान नहीं होता है. लेकिन, उद्योग द्वारा जब इसका उपयोग खाद्य में किया जाता है, तो यह जहर जैसा बन जाता है.

सावधान! तेल का ट्रांस फैट आपके लिए है धीमा जहरएफएसएसएआई के सीईओ डॉ. पवन अग्रवाल ने कहा कि ट्रांस फैट के कारण होने वाली दिल की बीमारी में दुनियाभर में हर साल करीब पांच लाख लोगों की मौत होती है. इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2022 तक दुनिया को ट्रांस फैट से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा, “भारत में इससे हर साल 60,000 लोगों की मौत होती है और हम विश्व स्वास्थ्य संगठन की समय सीमा से पहले इस लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश में जुटे हैं.”

एफएसएसएआई ने शुक्रवार को ट्रांस फैट के नुकसान को लेकर एक नया मास मीडिया अभियान शुरू किया. इस अभियान को ‘हार्ट अटैक रिवांइड’ नाम दिया गया है. इसमें 30 सेकंड का पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट (पीएसए) के अलावा बिलबोर्ड और सोशल मीडिया के जरिए जन-जागरूकता शामिल है.

एक विशेषज्ञ ने बताया कि ट्रांस फैट को तरल वनस्पति तेल में हाइड्रोजन मिलाकर तैयार किया जाता है, ताकि उसे और भी ठोस बनाया जा सके और खाद्य पदार्थ की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके. ट्रांस फैट बड़े पैमाने पर वनस्पति तेल, कृत्रिम मक्खन और बेकरी के खाद्य पदार्थो में पाया जाता है.

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि एफएसएसएआई साल 2022 तक चरणबद्ध रूप से औद्योगिक रूप से तैयार होने वाले ट्रांस फैटी एसिड को 2 प्रतिशत से भी कम करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस अभियान को वाइटल स्ट्रैटेजीज के विशेषज्ञों ने तैयार किया है. वाइटल स्ट्रैटेजीज की डॉ. नंदिता मुरुकुतला ने कहा, “ट्रांस फैट से सेहत को कोई भी लाभ नहीं होता है और भारतीयों में यह कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों व सेहत से जुड़ी अन्य परेशानियों का खतरा बढ़ा देता है.”

Related Articles

Back to top button