ज्योतिष डेस्क : हृदय रोग, नेत्र रोग, पीलिया और कुष्ठ रोग जैसे असाध्य रोगों से मुक्ति चाहते हैं तो रविवार को सूर्यदेव की पूजा में उनके कुछ खास मंत्रों का जाप करें। धर्मानुसार केवल सूर्य देव ही ऐसे देव हैं जो साक्षात दिखाई पड़ते हैं। ऐसी मान्यता है कि रविवार को इनकी विधि-विधान से पूजा करने से सफलता, मानसिक शांति और शक्ति तो प्राप्त होती है अच्छी सेहत का भी वरदान मिलता है। सूर्य की पूजा में गायत्री मंत्र के अतिरिक्त नीचे लिख कई और मत्रों का भी प्रयोग किया जाता है। सूर्य को यश का कारक मानते हैं, जिनकी पूजा से मान सम्मान में वृद्धि होती है। रविवार से सूर्य मंत्रों का जाप आरंभ करना अत्यंत लाभकारी होता है। नीचे दिए मंत्रों का अपनी इच्छित कामना को पूर्ण करने के लिए श्रद्धा पूर्वक स्मरण कीजिए।
सूर्य के लाभकारी मंत्र
सूर्य वैदिक मंत्र – ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च । हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन।
सूर्य के लिए तांत्रोक्त मंत्र – ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम, ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री, ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:, ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:।
सूर्य नाम मंत्र – ऊँ घृणि सूर्याय नम:।
सूर्य का पौराणिक मंत्र – जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम। तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम।
सूर्य गायत्री मंत्र – ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।
हृदय रोग, नेत्र व पीलिया रोग एवं कुष्ठ रोग तथा समस्त असाध्य रोगों को नष्ट करने के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ऊँ हृं हीं सः सूर्याय नमः।