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शिखर धवन के बाद यह कारनामा करने वाले दूसरे बल्लेबाज बने हनुमा विहारी

बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हनुमा विहारी के लगातार दूसरे शतक से शेष भारत ने रणजी चैंपियन विदर्भ के सामने शुक्रवार को 280 रन का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा और शुरू में उसे एक झटका देकर ईरानी कप क्रिकेट मैच को रोमांचक बना दिया. विदर्भ ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट पर 37 रन बनाए हैं और वह लक्ष्य से 243 रन पीछे है.

इससे पहले शेष भारत ने अपनी दूसरी पारी तीन विकेट पर 374 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी. मैच का चौथा दिन विहारी के नाम रहा, जिन्होंने नाबाद 180 रन की आकर्षक पारी खेली. इस 25 वर्षीय बल्लेबाज ने कप्तान अजिंक्य रहाणे (87) के साथ तीसरे विकेट के लिए 229 रन जोड़े जबकि श्रेयस अय्यर (नाबाद 61) के साथ चौथे विकेट के लिए 99 रन की अटूट साझेदारी की.

विहारी ने 300 गेंदें खेली तथा 19 चौके और चार छक्के लगाए. विदर्भ की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने पारी की तीसरी गेंद पर ही कप्तान फैज फजल (0) का विकेट गंवा दिया. उन्हें अंकित राजपूत ने बोल्ड किया. स्टंप उखड़ने के समय संजय रामास्वामी 17 और अथर्व तावड़े 16 रन पर खेल रहे थे. विकेट से असमान उछाल और टर्न मिल रहा है और ऐसे में बल्लेबाजी करना आसान नहीं है.

पहली पारी में 114 रन बनाकर शेष भारत की पारी को संवारने वाले विहारी ने अपनी शानदार फॉर्म बरकरार रखी. विहारी और रहाणे ने सुबह शेष भारत की दूसरी पारी दो विकेट पर 102 रन से आगे बढ़ाई. इन दोनों की साझेदारी ने मैच का पूरा नक्शा ही बदल दिया. इन दोनों ने विदर्भ के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और पहले सत्र में 110 रन जोड़े. दोनों ने शुरू में गेंदबाजों को थोड़ा सम्मान दिया लेकिन बाद में खुलकर रन बटोरे.

विहारी ने अक्षय वाखरे की गेंद की पर अपने प्रथम श्रेणी करियर का 17वां शतक पूरा किया. वह शिखर धवन (शेष भारत की तरफ से राजस्थान के खिलाफ 2011 में) के बाद दूसरे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने ईरानी कप मैच की दोनों पारियों में शतक लगाया. विदर्भ ने 93वें ओवर में नई गेंद ली और उसे तुरंत ही सफलता भी मिल गई. सरवटे की गेंद को खेलने के लिए रहाणे आगे बढ़े, लेकिन चूक गए और विकेटकीपर अक्षय वाडकर ने उन्हें स्टंप आउट करने में देर नहीं लगाई.

रहाणे ने 232 गेंदें खेली तथा छह चौके और एक छक्का लगाया. रहाणे हालांकि अगस्त 2017 के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पिछली 38 पारियों में अपना सर्वोच्च स्कोर बनाने में सफल रहे. विहारी इसके बाद भी टिके रहे और उन्होंने अधिक खुलकर बल्लेबाजी की. यह तय था कि शेष भारत जल्द ही अपनी पारी समाप्त कर देगा और ऐसे में अय्यर ने अधिक तीखे तेवर अपनाए. उन्होंने केवल 52 गेंदों का सामना किया तथा पांच चौके और चार छक्के लगाए.

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