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महाराष्ट्र में धरी रह गयी बड़ा भाई बनने की शिवसेना की इच्छा, भाजपा से दो कम सीटों पर लड़ेगी

मुंबई । महाराष्ट्र में भाजपा का बड़ा भाई बनने की इच्छा रखने वाली शिवसेना को अब छोटे भाई की भूमिका से ही संतोष करना पड़ेगा। लोकसभा के आगामी चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच हुए समझौते में भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर लड़ेगी। राज्य में लोकसभा की 48 सीटें हैं।

मुंबई में सोमवार को आयोजित भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीट समझौते की घोषणा की गयी। शाह ने दावा किया कि दोनों दल मिलकर महाराष्ट्र की 48 में से 45 सीटें जीतेंगे और केंद्र में फिर से मोदी की सरकार बनेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। शाह ने कहा कि करोड़ों कार्यकर्ता भाजपा व शिवसेना का गठबंधन चाहते थे। उन कार्यकर्ताओं की इच्छा आज पूरी हो गई है। शिवसेना और अकाली दल भाजपा के सुख-दुख के पुरानी साथी रहे हैं। भाजपा का शिवसेना के साथ गठबंधन राजनीतिक नहीं, बल्कि सिद्धांतों पर आधारित है। राममंदिर, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद आदि मुद्दों पर दोनों दल हमेशा साथ रहे हैं। केंद्र में मोदी सरकार में शिवसेना साथ है और राज्य में भी शिवसेना साथ-साथ विकास कार्य में लगी हुई है। भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने में शिवसेना ने भाजपा का साथ दिया है। आज महाराष्ट्र में दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन से एनडीए और मजबूत हुआ है।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज सीटों का बंटवारा नहीं जिम्मेदारियों का बंटवारा हुआ है। भाजपा और शिवसेना दोनों दलों के कार्यकर्ता साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उद्धव ने कहा कि उनकी किसानों की कर्जमाफी और रत्नागिरी जिले में नाणार परियोजना को हटाए जाने की भी मांग को मान लिया गया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि भाजपा राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटों में 25 सीटों पर और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसी प्रकार भाजपा और शिवसेना राज्य विधानसभा की 288 सीटों में से 144-144 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। भाजपा अपने कोटे की सीटों में से अन्य सहयोगी दलों को देगी। फडणवीस ने कहा कि भाजपा व शिवसेना के नेता सूखा प्रभावित इलाकों का साथ-साथ दौरा करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।

हालांकि पिछले पांच साल में दोनों दलों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। शिवसेना के नेताओं ने कई बार यह खुलकर कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा का आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी। वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा 24 और शिवसेना 20 सीटों पर लड़ी थी। उस वक्त गठबंधन में शामिल राजू शेट्टी की स्वाभिमानी पक्ष को दो सीटें मिली थीं। जबकि, एक-एक सीट राष्ट्रीय समाज पक्ष और रामदास अठावले की आरपीआई(ए) को दी गई थी। शेट्टी गठबंधन से अलग हो गए हैं। हालांकि, वर्ष 2014 का राज्य विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद शिवसेना ने भाजपा काे समर्थन दिया और गठबंधन सरकार बनी। पिछले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा – 23, शिवसेना -18, स्वाभिमानी पक्ष-01, राकांपा-04, कांग्रेस-02 सीटें जीती थीं।

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