आम, फलों और सब्जियों को प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के लिए मिला मंच
लखनऊ: लखनऊ में एपीडा द्वारा पहली बार आयोजित अंतरराष्ट्रीय निर्यात संवर्धन कार्यक्रम और रिवर्स क्रेता-विक्रेता की बैठक में अमेरिका, इटली, चीन, रूस, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, हांगकांग, बांग्लादेश, यूएई, कुवैत, ओमान, सऊदी अरब, बहरीन, ईरान और वियतनाम के खरीदारों ने इस बैठकों में भाग लिया. यह प्रदेश में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय क्रेता विक्रेता मीट भी थी. इस आयोजन के दौरान एक प्रदर्शनी में आम की किस्में और इसके उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया. आयातकों को दूसरे दिन के दौरान एक आधुनिक पैक हाउस और सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर में आम के बाग देखने का मौका भी मिला. विशेष रूप से भारत के उत्तर और पूर्वी भाग से आम और आम उत्पादों और अन्य फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस बैठक ने यूपी के किसानों द्वारा भारतीय आम और आम के उत्पादों और अन्य फलों और सब्जियों को प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के लिए एक मंच प्रदान किया.
लखनऊ में पहला अंतर्राष्ट्रीय आम निर्यात संवर्धन कार्यक्रम आयोजित
कार्यक्रम का आयोजन कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर प्रदेश मंडी परिषद और फिक्की के सहयोग से किया गया था. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पांडे मुख्य अतिथि थे. सुनील कुमार, अपर सचिव (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, अध्यक्ष, एपीडा), पबन कुमार बोर्थाकुर, डॉ आरिज अहमद (प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड) और चिरंजीव चौधरी (आयुक्त, बागवानी, आंध्र प्रदेश) भी इस अवसर पर उपस्थित थे. एपीडा के अध्यक्ष पबन कुमार बोर्थाकुर ने कहा कि एपीडा ने महाराष्ट्र और उत्तर पूर्वी राज्यों में ऐसे क्रेता-विक्रेता मीट की एक श्रृंखला का आयोजन किया है जिसके परिणामस्वरूप किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को आयात करने वाले देशों के लिए अग्रगामी निर्यातकों के साथ जोड़ा गया है. ये आयोजन निर्यात बढ़ाने में सफल रहे हैं. वही विभिन्न देशों के खरीदारों ने भारतीय किस्मों में गहरी दिलचस्पी दिखाई और यह महत्वपूर्ण है क्योंकि उनमें से अधिकांश महाराष्ट्र और गुजरात से आमों के निर्यात में शामिल हैं, जो कि यूपी किस्मों की तुलना में पहले पकते हैं.