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मनी लॉन्ड्रिंग: पूर्व मंत्री एनोस एक्का को 7 साल की सजा, दो करोड़ का जुर्माना

रांची: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री एनोस एक्का को ईडी के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने गुरुवार को 7 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह सजा सुनाई। अदालत ने इन पर दो करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही उनकी सभी संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया है। एनोस एक्का के द्वारा जो भी संपत्ति अवैध तरीके से कमाई गई है या ब्लैक मनी को व्हाइट करने की नियत से खरीदी गई है। उसे भी जप्त करेगी।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को अदालत ने गुरुवार को सजा सुनाने की तारीख तय की थी। एनोस पर 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। इससे पूर्व अदालत में 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। लॉक डाउन के वजह से चार बार सजा की तिथि बढ़ानी पड़ी है।

क्या है मामला

एनोस एक्का पर अक्टूबर 2009 में मनी लॉन्ड्रिंग का एफ आई आर दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में ईडी ने कुल 56 गवाहों के बयान दर्ज कराया था। जबकि एनोस ने अपने बचाव में 71 गवाहों का बयान दर्ज कराया ।कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की टीम को आरोपित एनोस द्वारा खरीदी गई अचल संपत्ति से जुड़े 116 बिक्री पट्टों को अदालत में प्रस्तुत किया था। ईडी के विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट में बहस करते समय इन दस्तावेजों को मुख्य सबूत बताया था।

मालूम हो कि झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का को आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में 7 साल की सजा सुनाई थी। पिछले महीने 26 फरवरी को सजा का ऐलान किया गया था। साथ ही 50 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था । पूर्व मंत्री के साथ उनकी पत्नी मेनन एक्का और परिवार के पांच अन्य सदस्यों को भी सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने 7 साल की सजा और 50 -50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। एक्का और उनके परिजनों पर 16. 82 करोड़ रूपए की संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। इसके अलावा एनोस एक्का पारा शिक्षक हत्या मामले में उम्र कैद की सजा भी काट रहे हैं।

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