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10 जून को है वट सावित्री व्रत, पति की लम्बी उम्र के लिए महिलाएं करती हैं पूजन

अमावस्या को लगेगा सूर्यग्रहण, मनायी जाएगी शनि जयंती

ज्योतिष : शास्त्र के अनुसार वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पति की दीर्घायु और संतान के उज्ज्वल भविष्य के लिए व्रत रखती हैं। इस साल वट सावित्री का व्रत 10 जून 2021 को मनाया जाएगा। इसके अलावा इस दिन साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। वहीं इस दिन शनि जयंती भी मनाई जाएगी। इस बार वट सावित्री के दिन अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन वट सावित्री व्रत और सूर्यग्रहण दोनों एक ही दिन पड़ रहे हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक तौर पर दिखाई देगा जबकि ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में पूर्ण सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा, इस बार का सूर्य ग्रहण भारत के केवल अरुणाचल प्रदेश में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। इसलिए विवाहित स्त्रियां वट सावित्री व्रत की पूजा पूरे विधि-विधान से कर सकती हैं।


वट सावित्री मंत्र : अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते। पुत्रान्‌ पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।।
यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले। तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।
ॐ सूर्य पुत्राय विद्महे। महाकालाय धीमहि । तन्नो यमः प्रचोदयात।।
शनि जयंती मंत्र : ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः.
तांत्रिक शनि मंत्र : ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः.
शनि गायत्री मंत्र : ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
शनि बीज मंत्र : ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः.
सामान्य मंत्र : ॐ शं शनैश्चराय नमः

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