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सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने का फैसला टला

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में उनके पति और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर फैसला टाल दिया है। अदालत ने कोरोना के ध्यानार्थ अपना फैसला 2 जुलाई तक के लिए स्थगित किया है। विशेष न्यायाधीश गीतांजली गोयल ने दिल्ली पुलिस और थरूर की तरफ से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 12 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था। जिरह के दौरान पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आग्रह किया।

वहीं थरूर की ओर से पेश अधिवक्ता विकास पाहवा ने कोर्ट में दलील देकर कहा कि एसआईटी द्वारा की गई जांच में उनके मुवक्किल को पूरी तरह दोषमुक्त माना गया है। पाहवा ने थरूर को आरोपमुक्त करने का कोर्ट से आग्रह करते हुए कहा है कि उनके मुवक्किल के खिलाफ धारा 498ए (पति या उसके किसी रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता) या 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं है।

मामले में कोर्ट से आने वाला आदेश बेहद अहम होगा। क्योंकि कोर्ट के आदेश से साफ होगा कि सात साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर पर उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला कोर्ट में चलेगा या नहीं।कोर्ट के फैसले से यह भी तय होगा सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर को राहत मिलेगी या फिर उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी। गौरतलब है कि 7 साल पुराने मामले में शशि थरूर को आज तक एक भी बार गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात यहां एक होटल में मृत मिली थीं। उक्त दंपत्ति होटल में रह रहा था। क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले की साज-सज्जा का काम चल रहा था।

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