काबुल हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई ,ISIS आतंकी फारूकी ही है नरसंहार का जिम्मेदार?
काबुल: कहीं आतंकवादी हमला हो जाए और उसमें पाकिस्तान का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। जिस काबुल हमले से पूरी दुनिया सहम गई है, उसी सीरियल विस्फोटों में पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आ रहा है। अफगानी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, माना जा रहा है कि काबुल एयरपोर्ट के पास हुई आतंकवादी हमलों की साजिश पाकिस्तान में रची गई है और इस भयंकर हमले के पीछे पाकिस्तान में रहने वाले आईएसआईएस के खूंखार आतंकी असलम फारूक का हाथ हो सकता है। बता दें कि गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट के पास हुए आतंकी हमलों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
अंग्रेजी वेबसाइट सीएनएन-न्यूज 18 ने अफगानी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि शांति प्रक्रिया के तहत कई ‘खतरनाक और खूंखार आतंकी’ रिहा किए गए थे। यही आतंकी काबुल हमले के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसमें पाकिस्तान में आईएसआईएस का चेहरा अमीर मावलावी असलम फारूकी भी शामिल है और इस हमले के बीच इसी का हाथ हो सकता है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह वही आतंकी फारूकी है, जो काबुल के गुरुद्वारा में हुए हमलों में शामिल था, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई थी। 4 अप्रैल 2020 को अफगान नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टोरेट यानी एनडीएस ने मावलवी फारूक को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान उसने हमले में शामिल होने की बात स्वीकार की थी और विस्फोटों को अंजाम देने में पाकिस्तान की भूमिका को भी स्वीकार किया था। फिलहाल, असलम फारूकी पाकिस्तानी आईएसआईएस-के का चीफ है।
असलम फारूकी पहले लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़ा था और फिर बाद में तहरीक-ए-तालिबान के साथ आ गया। उसने अप्रैल 2019 में आईएसआईएस-के यानी आईएसकेपी प्रमुख के रूप में मावलवी जिया-उल-हक उर्फ अबू उमर खोरासानी की जगह ली। उसके साथ लश्कर-ए-तैयबा के हिस्से के रूप में चार पाकिस्तानी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया था। फारूकी के साथ खैबर पख्तूनख्वा का मसूदुल्लाह, खैबर पख्तूनख्वा का खान मोहम्मद, कराची का सलमान और इस्लामाबाद का अली मोहम्मद गिरफ्तार हुआ था।
सूत्रों का मानना है कि इस बात की बड़ी आशंका है कि जेल से रिहा होने के बाद मावलावी फारूकी और उसके पुराने साथियों ने मिलकर ही काबुल हमले को अंजाम दिया है। पाकिस्तानी एजेंसियां भी यह चाहती थीं। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि क्षेत्र में अस्थिरता आए ताकि आतंकी साजिशों को अंजाम दिया जा सके और विकसित देशों से पैसे लेता रहे। बता दें कि काबुल हमले की जिम्मेवारी भी आईएसआईएस-के ने ही ली है।