राज्यराष्ट्रीय

नए नियमों से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बढ़ेगी निगरानी, ड्रोन के जरिये हथियार और ड्रग्स की तस्करी पर लगेगी लगाम- बीएसएफ

गृह मंत्रालय के नए नियम से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का निगरानी क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्यों में बढ़ गया है। राज्यों ने इसका यह कहकर विरोध किया कि ये उनके अधिकारों का हनन करता है। अब गृह मंत्रालय के नए नियमों पर सीमा सुरक्षा बल की आधिकारिक प्रतिक्रिया आयी है। बीएसएफ के आईजी (ऑपेरशन) सोलोमन यश कुमार मिज ने टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए कहा कि राज्यों में सिर्फ निगरानी की सीमा बढ़ाई गई है बाकी एफआईआर अभी भी लोकल थाने में होगी। आईजी मिंज ने कहा कि बीएसएफ पहले भी लोकल स्थानीय पुलिस के साथ काम करती थी और आगे भी करती रहेगी।

आईजी सोलोमन के मुताबिक मौजूदा कानूनों के तहत बीएसएफ को अपने एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाने, प्रतिबंधित सामान को जब्त करने व आरोपियों की गिरफ्तारी का अधिकार है। बीएसएफ को अब तक पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल में 15 किलोमीटर के एरिया में ही निगरानी का अधिकार था वो अब बढ़कर 50 किलोमीटर हो गया है। गुजरात में ये सीमा 80 किलोमीटर की थी जिसे घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया। वहीं राजस्थान में एरिया पहले से ही 50 किलोमीटर का है। इस फैसले बाद से इन 5 राज्यों बीएसएफ की निगरानी, तैनाती और कार्रवाई में एकरूपता आएगी।

नए नियम में सबसे महत्वपूर्ण केंद्रशासित प्रदेश बने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्य हैं। इन दोनों ही प्रदेशों में पूरे क्षेत्रफल में भी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स निगरानी कर सकेगी। उत्तर पूर्व के राज्य त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और मेघालय के पूरे इलाके में बीएसएफ को पहले से ही निगरानी का अधिकार मिला हुआ है।आईजी मिंज ने कहा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर ड्रोन की मदद से हथियारों और नशे की तस्करी होती आयी है। कई बार ड्रोन के ज्यादा ऊंचाई पर होने, उससे कोई शोर या रोशनी न होने पर उसे डिटेक्ट कर पाना आसान नहीं होता और वो हमारी सीमा से बाहर चला जाता है। हमारा अधिकार क्षेत्र बढ़ने के बाद ड्रोन को जब्त में आसानी हो सकेगी और तस्करी पर भी लगाम लगेगी।

Related Articles

Back to top button