उत्तर प्रदेशलखनऊ

कुपोषण व टीबी में है गहरा नाता : डॉ. पियाली 

बच्चों की इम्यूनिटी का रखें खास ख्याल, पिज्जा-बर्गर के अधिक सेवन से बचें

पेट तो भर जाता है लेकिन नहीं मिलता सही पोषण, इम्यूनिटी होती है कमजोर

लखनऊ : बच्चे व किशोर-किशोरियाँ बीमारियों की गिरफ्त में न आने पाएं इसके लिए जरूरी है कि उनके सही पोषण का पूरा ख्याल रखा जाए। सही पोषण न मिल पाने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर पड़ जाती है और वह बीमारियों की जद में आसानी से आ जाते हैं। बच्चों के क्षय रोग यानि टीबी की गिरफ्त में आने पर और ज्यादा बीमार हो जाने का प्रमुख कारण सही पोषण और उचित पर्यावरणीय वातावरण का न मिल पाना है। सही पोषण का मतलब या तो भरपेट भोजन न मिल पाना है या फिर पोषक तत्वों की कमी वाले भोजन (पिज्जा-बर्गर आदि) पर आश्रित होने से है। यह कहना है एसजीपीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य का। 

डॉ. पियाली का कहना है कि कुपोषण और क्षय रोग में गहरा नाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि बच्चों के भोजन में हरी साग-सब्जी के साथ मौसमी फल को अवश्य शामिल किया जाए क्योंकि इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण बच्चों में टीबी के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि प्रदेश में हर साल करीब 15 से 20 हजार बच्चे इस बीमारी की जद में आते हैं। बच्चों की टीबी की जांच और इलाज की पूरी तरह नि:शुल्क व्यवस्था है। प्रदेश में पहली नवम्बर 2020 से टीबी ग्रसित बच्चों का नई रेजिमेन के तहत इलाज किया जा रहा है, जिसके लिए नयी औषधि डाट सेंटर पर उपलब्ध है। बच्चों को शीघ्र ही इस बीमारी से उबारने की जरूरत होती है ताकि उनकी पढाई-लिखाई के साथ ही उनका सुनहरा भविष्य प्रभावित न होने पाए। इसमें किशोरावस्था वाले बच्चे भी शामिल हो सकते हैं क्योंकि यह शारीरिक विकास की अवस्था होती है और उस दौरान शरीर को पर्याप्त पोषक तत्वों की जरूरत होती है।

इसके अलावा उनका कहना है कि बच्चे को जन्म के बाद जितना जल्दी संभव हो सके बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं क्योंकि यह बच्चे के और अंगों में टीबी का फैलाव रोकता है। लोगों को यह भ्रान्ति कदापि नहीं होनी चाहिए कि टीका लगने से बच्चे को टीबी होगी ही नहीं बल्कि यह टीका बच्चे के अन्य अंगों तक टीबी के फैलाव को रोकने का काम करता है। उनका कहना है कि बच्चों में स्किन, ब्रेन और लंग्स की टीबी होने का ज्यादा खतरा रहता है। हालांकि बाल व नाखून को छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। 
 
बच्चों में टीबी के लक्षण और कारण : 
पिछले तीन महीने में वजन का घटना या न बढ़ना 
दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी का आना 
बुखार का बने रहना
टीबी ग्रसित मरीज के संस्पर्श में दो साल से अधिक रहने वाले बच्चे को भी टीबी हो सकती है

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