छत्तीसगढ़राज्य

राज्य के एक वर्ष के बजट की आधे से अधिक राशि केंद्र के पास बकाया-कांग्रेस

रायपुर : भाजपा नेता अजय चंद्राकर द्वारा छत्तीसगढ़ का केंद्र से लेने वाली 55000 करोड़ की राशि को झुठलाये जाने पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी की चाटुकारिता में अजय चंद्राकर और भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ हितों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है। चंद्राकर नेता प्रतिपक्ष और भाजपा अध्यक्ष की दौड़ में शामिल थे, पार्टी ने उनकी दावेदारी को नकार दिया तो वे अपने आपको चर्चा में बनाये रखने तथ्यहीन बयानबाजी पर उतर आये है। केंद्र से बकाया राशि देने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य सरकार के द्वारा एक दर्जन से अधिक बार पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा गया है। केंद्र के द्वारा छत्तीसगढ़ के द्वारा भेजे गये किसी भी पत्र का सकारात्मक जवाब नहीं आया। छत्तीसगढ़ सरकार ने जब कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम को राज्य में फिर से शुरू करने का निर्णय लिया तो कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम के 17000 करोड़ से अधिक राशि को राज्य को वापस करने हेतु मुख्यमंत्री ने केंद्र को पत्र लिखा उसका भी जवाब मोदी सरकार ने नहीं दिया।

शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्य के एक वर्ष के कुल बजट का आधे से अधिक रूपया विभिन्न मदों में रोक कर रखा है। बार-बार मांगने के बाद भी केंद्र, छत्तीसगढ़ के हक का पैसा नहीं दे रहा जिससे राज्य की योजनायें विकास प्रभावित हो रहा है। राज्य की केंद्र से कुल लेनदारी-राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति का पैसा 14,000 करोड़ रू. लेना। कोयले की रायल्टी का अतिरिक्त लेबी का 4140 करोड़। सेंट्रल एक्साईज के 13,000 करोड़ रू.। प्रधानमंत्री शहरी आवास का 1500 करोड़ की दो किश्ते बकाया-3000 करोड़। खाद सब्सिडी का 3631 करोड़ रू.। मनरेगा का भुगतान-9,000 करोड़। मनरेगा तकनीकी सहायता का लंबित-350 करोड़। कुल 44121 करोड़। सीआरपीएफ बटालियन खर्च के नाम पर राज्य का 11,000 करोड़ रू. काट दिया। कुल-55,121 करोड़ रू. लेनदारी है।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बयान जारी करके दिल्ली जाकर राज्य की बकाया राशि केंद्र से दिलाने का दावा तो कर रहे। वे बतायें उनके कितने सांसदों, विधायकों और छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य का बकाया दिलाने के लिये पत्राचार किया, प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री से आग्रह किया। छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेता दलीय प्रतिबद्धता को राज्य के हितों पर तरजीह देते है कोई भी छत्तीसगढ़ का भाजपा का नेता नहीं चाहता कि राज्य का बकाया केंद्र दे। वे चाहते है राज्य सरकार के पास हमेशा वित्तीय संकट बना रहे ताकि राज्य की जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावित हो।

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