लंदन: ब्रिटेन की पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने इंग्लैंड के पूर्वी शहर लीसेस्टर में उपद्रव के सिलसिले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया है तथा ऐसी और घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस बल गश्त कर रहे हैं। सप्ताहांत पर शहर में हिंसक घटनाएं हुई थी। इससे पहले लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने कड़े शब्दों में एक बयान जारी कर भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा की निंदा की थी और प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी। लीसेस्टर पुलिस ने कहा कि 20 वर्षीय एक शख्स ने शहर में झड़प के दौरान हथियार रखने का गुनाह कबूल किया है जिसके बाद उसे 10 महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है।
स्थानीय निवासी अमोस नोरोन्हा को शनिवार को घटनास्थल से ही गिरफ्तार किया था और लीसेस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया था। उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत थे जिसके आधार पर उस पर आरोप लगाए गए। लीसेस्टरशायर पुलिस के ‘टेम्परेरी चीफ कांस्टेबल’ रॉब निक्सन ने कहा कि यह कार्रवाई दिखाती है कि संगीन अपराध किया गया था और उसे जेल में रहना होगा। उन्होंने कहा, “ हम अपने शहर में यह उपद्रव बर्दाश्त नहीं करेंगे।” निक्सन के मुताबिक, पुलिस बल तैनात हैं और सूचनाओं तथा रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है साथ ही लोगों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है।
उन्होंने कहा, “हम आपको सुरक्षित रखने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए काम कर रहे हैं। जिन्होंने हमारे समुदायों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें इंसाफ के दायरे में लाया जाएगा।” पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने के आखिर में एशिया कप के तहत दुबई में हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हिंदू-मुस्लिम समूहों में झड़प हो गई थी। पुलिस ने इसे ‘गंभीर उपद्रव’ बताया है। पुलिस ने बताया कि शहर के पूर्वी हिस्से में पुलिस की गश्त जारी है ताकि उपद्रव की कोई घटना न हो। उन्होंने बताया कि शहर में उपद्रव के सिलसिले में कुल 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से कुछ लोग बर्मिंघम समेत दूसरे नगरों के हैं।
पुलिस ने कहा कि उसने आसपास के इलाकों से पुलिस बलों को बुलाया है। इलाके में शांति बहाल करने के लिए लोगों को तितर बितर करने और लोगों को रोक कर उनकी तलाशी लेने के अधिकारों का इस्तेमाल किया गया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दिख रहा है कि एक मंदिर का झंडा उतारा जा रहा है और कांच की बोतलें फेंकी जा रही है। भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को जारी बयान में कहा, ‘‘हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धार्मिक परिसरों और प्रतीकों की तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं।”
इसमें कहा गया है, ‘‘हमने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया है और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। हम अधिकारियों से, प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान करते हैं।” प्रवासी समूह ‘इनसाइट यूके’ ने दावा किया है कि हिंसा की ज्यादातर घटनाएं अफवाहों और सोशल मीडिया पर प्रसारित फर्जी खबरों की वजह से हुई हैं।
लीसेस्टर के मेयर पीटर सोल्सबी ने कहा कि सोशल मीडिया पर चीज़ों को तोड़-मरोड़ कर साझा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहर से आए लोग शहर में हिंसा भड़का रहे हैं। हिंदू काउंसिल यूके ने एक बयान में कहा, “हम हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की घटना की निंदा करते हैं। यह पूजास्थल हैं और उनका अनादर नहीं किया जाना चाहिए।” बयान के मुताबिक, “हम हिंदू समुदाय से आह्वान करते हैं कि वे अधिकारियों के साथ मिलकर शांति कायम करने के लिए काम करें। लीसेस्टर अपनी सांस्कृतिक विविधता, एकता और समुदायों के बीच एकजुटता के लिए जाना जाता है।”