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उत्तर कोरिया ने दागी बैलिस्टिक मिसाइल, कमला हैरिस की यात्रा है कारण

नई दिल्ली: उत्तर कोरिया और अमेरिका की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। जब-जब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच विवाद बढ़ता है तो अमेरिका दक्षिण कोरिया का साथ देता है और उस पर उत्तर कोरिया बुरी तरीके से चिढ़ जाता है। अब फिर से उत्तर कोरिया ने अपनी आक्रामकता दिखाई है और अपने पूर्वी तट के सागरीय क्षेत्र में बैलेस्टिक मिसाइल दागी है ।

इसके जरिए उत्तर कोरिया इस क्षेत्र में दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास के प्रति अपना विरोध प्रदर्शन भी कर रहा है। उत्तर कोरिया इस बात से भी चिढ़ गया है कि अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की कोरियाई क्षेत्र में इसी हफ्ते यात्रा होने वाली है। यह कुछ वैसा ही है जैसा चीन नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चिढ़ा था। यहां आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया और ताइवान में एक बात को लेकर बड़ी समानता है कि दोनों दुनिया के सबसे टेक्नोलॉजिकल पावर हाउस है और दोनों देशों में अमेरिका सहित दुनिया के प्रमुख देशों के आर्थिक हित लगे हुए हैं।

आपको बता दें कि अमेरिका का नाभिकीय रूप से मजबूत युद्धपोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन दक्षिण कोरियाई सैन्य बलों के साथ एक साझा सैन्याभ्यास करने के लिए दक्षिण कोरिया पहुंच चुका है।

उत्तर कोरिया के द्वारा बैलेस्टिक मिसाइल दागने के बाद अब इस बात की संभावना बढ़ गई है कि अमेरिका उस पर कई प्रकार के अन्य प्रतिबंध लगा सकता है जो कि वह पहले से ही लगाता आया है। वहीं रूस और चीन ने सभी पक्षों को शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने का आवाहन किया है और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की बात कही है। आपको बता दें कि रूस ,उत्तर कोरिया, वेनेजुएला , ईरान जैसे देशों को अमेरिका घोषित तौर पर अपने शत्रु देश के रूप में देखता है। वहीं दक्षिण कोरिया को अमेरिका अपने महत्वपूर्ण स्ट्रैटेजिक और इकोनामिक पार्टनर के रूप में देखता है । विश्व शक्तियों को मिलकर कोरियाई क्षेत्र की अशांति को दूर करने के लिए अब प्रभावी भूमिका निभाने का भी समय आ गया है।

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