प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को DA में वृद्धि और एरियर डबल धमाका
भोपाल : मध्य प्रदेश के कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी है। दिवाली से पहले एक साथ 2 बड़े तोहफे मिल सकते है। एक तरफ केन्द्र की तर्ज पर राज्य की शिवराज सरकार मध्यप्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4% बढ़ाने की तैयारी में है, जिसके बाद कुल डीए 34% से बढ़कर 38% हो जाएगा।इसके साथ ही एरियर का भी भुगतान होगा। वही दूसरी तरफ 3 लाख कर्मचारियों को प्रमोशन का तोहफा भी दिया जाएगा।इसके लिए जल्द कैबिनेट में प्रस्ताव आएगा।
मध्यप्रदेश के 7.50 लाख सरकारी कर्मचारियों की दिवाली इस बार खास होने वाली है, क्योंकि कर्मचारियों को जल्द ही राज्य सरकार की तरफ से दिवाली गिफ्ट मिलने वाला है। खबर है कि केन्द्र सरकार के बाद अब राज्य की शिवराज सरकार महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा करने वाली है। इतना ही नहीं सरकार का कर्मचारियों को डीए के साथ एरियर देने का भी प्लान है। इसके लिए वित्त विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है,जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा और कर्मचारियों को 38% डीए का लाभ मिलेगा।
माना जा रहा है कि अगली कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव आएगा और 38 फीसदी डीए पर मुहर लगेगी।बढ़े हुए डीए का लाभ अक्टूबर की सैलरी में यानि नवंबर में मिलेगा। इसमें कर्मचारियों को हर महीने 620 रुपए और अफसरों को 8558 रुपए तक का फायदा होगा। साथ ही 3 महीने के एरियर की कर्मचारियों की न्यूनतम राशि 1860 रुपए और अधिकतम अफसरों की 34232 रुपए उनके GPF (जनरल प्रोविडेंट फंड) अकाउंट में डाली जा सकती है।
इससे राज्य सरकार पर अक्टूबर से मार्च 2023 के बीच 700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। यानी हर महीने 104 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।वही 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के एरियर देने पर 312 करोड़ रुपए एकमुश्त खर्च होंगे। इसको लेकर हिसाब किताब लगाया जा रहा है, कि एक बार में कितना एरियर दिया जाएगा या फिर किस्तों में इसका भुगतान होगा। इस बार दिवाली अक्टूबर और प्रदेश का स्थापना दिवस 1 नवंबर को होने के कारण 1 जुलाई से DA का भुगतान किया जा सकता है।वही 3 महीने का एरियर कैश या फिर GPF अकाउंट में डाल भेजने पर भी विचार किया जा रहा है।
महंगाई भत्ते और एरियर के साथ 3 लाख कर्मचारियों के प्रमोशन का भी रास्ता साफ हो गया है।खबर है कि सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय और विधि विभाग मंत्रालय के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से मध्य प्रदेश पदोन्नति नियम 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
इसके तहत यदि आरक्षित वर्ग का अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिला तो आरक्षण शून्य घोषित कर दिया जाएगा। आरक्षित कर्मचारियों के लिए किसी भी पद को अधिकतम 3 वर्ष तक खाली रखा जाएगा।प्रतिवर्ष एक जनवरी की स्थिति में आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधित्व की स्थिति का आकलन होगा। इसके आधार पर तय होगा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों को कितने प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। प्रतिवर्ष विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होगी। इसमें रिक्तियों के आधार पर चयन सूची तैयार होगी। 5 वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदनों के समग्र मूल्यांकन के आधार पर अंक निर्धारित होंगे। प्रथम श्रेणी के पद पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम 15 अंक ,द्वितीय श्रेणी के पदों के लिए 14 अंक .