सारस पालने वाले शख्स से अखिलेश ने की मुलाकात
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमेठी में मोहम्मद आरिफ के घर का दौरा किया, जिसकी रील सारस क्रेन के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। अखिलेश ने सारस सारस की जान बचाने के लिए मोहम्मद आरिफ को बधाई दी और कहा कि यह राजकीय पक्षी है और इसकी रक्षा की जानी चाहिए। यादव ने कहा कि तत्कालीन सपा सरकार के दौरान उन्होंने राज्य में सारस क्रेन की संख्या बढ़ाने के लिए एक योजना शुरू की थी।
उन्होंने कहा, सपा सरकार के दौरान सारस संरक्षण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें 11 देशों के लोग आए थे। उसी दौरान चंबल के तट पर पक्षी उत्सव का आयोजन किया गया। यादव ने कहा कि ब्रिटिश बर्ड फेस्टिवल के साथ एमओयू कर तीन साल तक बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जबकि सारस के संरक्षण अनुसंधान के लिए अकादमी बनाई जानी थी, काम शुरू हुआ था, लेकिन इस सरकार में अधूरा है।
30 साल के आरिफ ने पिछले साल फरवरी में एक खेत में बुरी तरह से घायल सारस देखा था। उसे वह अपने घर ले गया और उपचार किया। कुछ दिनों बाद सारस स्वस्थ हो गया। आरिफ ने कहा, दिन में जब मैं अपने काम के लिए निकलता था, तो सारस इधर-उधर फुदकता था और अन्य पक्षियों के साथ घुलमिल जाता था। लेकिन जब मैं शाम को घर आता था, तो वह मेरे पास आता था, गले लग जाता था हम रात का खाना एक साथ खाता था। .
अप्रैल तक व पूरी तरह से ठीक हो गया, लेकिन वह उसका घर छोड़कर कहीं जाता नहीं था। आरिफ अमेठी के जामो विकासखंड के मांडका गांव में हार्वेस्टर ऑपरेटर का काम करता है। आरिफ बताते हैं, तब से जीवन पहले जैसा नहीं रहा। अब मैं जहां भी जाता हूं, सारस मेरे साथ रहता है। मैं काम पर जाता हूं, तो वह हमारे साथ जाता है और फिर शाम को साथ ही घर लौट आते हैं।
उन्होंने कहा, लोग हमें घूरते हैं और हमारी तस्वीरें लेते हैं। कुछ लोग रील भी बनाते हैं। सर्दी के मौसम में और सारस आए, लेकिन यह उनके साथ वापस नहीं गया।आरिफ की पत्नी मेहरुन्निसा ने कहा, जब भी मैं अपने पति की अनुपस्थिति में उसे खाना खिलाने गई हूं, वह मुझ पर हमला कर देता है। न तो मेरी और न ही मेरे बच्चों की हिम्मत सारस के पास जाने की है.वन्यजीव विशेषज्ञों की इस घटना पर अलग राय है और वे सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।
सारस को सबसे कम सामाजिक प्रजाति माना जाता है। घोंसला बनाते समय वे बहुत सुरक्षात्मक हो सकते हैं और घुसपैठियों के प्रति आक्रामक होते हैं। लखनऊ मंडल वन अधिकारी रवि सिंह ने बताया कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत ‘सारस’ एक जंगली पक्षी है। उन्होंने कहा, हमारे पास इसकी रक्षा और पालन-पोषण के लिए एक प्रणाली है, लेकिन किसी को सतर्क रहना चाहिए। आप इसके पंखों को छू नहीं सकते हैं या इसे अपने पास नहीं रख सकते हैं। किसी भी मानवीय स्पर्श की अनुमति नहीं है। सारस को जंगल में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए और इसे पालतू नहीं बनाया जा सकता और मनुष्यों के साथ संपर्क की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पक्षी को कीड़े और मछली का आहार दिया जाना चाहिए।