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कर्नाटक में कांग्रेस ने बजरंगदल पर बैन लगाने का किया वादा, भाजपा को पार्टी को घेरने मिला मुद्दा

बेंगलुरु : कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र में कांग्रेस ने बजरंगदल और अन्य ऐसे संगठनों पर बैन लगाने का वादा किया है। बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद का युवा संगठन है। कांग्रेस के इस मैनिफेस्टो को लेकर हिंदू संगठन भड़क गए हैं। वहीं भाजपा को चुनाव प्रचार और कांग्रेस पर हमला करने के लिए एक और मुद्दा मिल गया है। मंगलवार को पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए इस मामले को बजरंगबली से जोड़ दिया और कहा कि पहले कांग्रेस ने राम मंदिर में ताला लगवाया था और अब बजरंगबली को ही बैन कर देना चाहते हैं। भाजपा हिंदुओं की भावनाओं को पकड़ने और कांग्रेस को घेरने में जुट गई है।

चिक्कामंगलुरु और हुबली-धारवाड़े के आसपास तटीय कर्नाटक में इस बार हिंदुत्व का मुद्दा असर दिखाने वाला है। यहां भाजपा ने भी अपना दांव चल दिया है। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह प्रतिबंधित संगठन पीएफआई को प्रमुखता दे रही है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम आरक्षण लागू करने की बात कही है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि अगर उसकी सरकार आती है तो मुस्लिम आरक्षण को फिर से लागू कर दिया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि आखिर किसकी कीमत पर कांग्रेस मुस्लिमों को आरक्षण देगी।

बता दें कि कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ा और चिक्कामंगलुरु इलाके में हिंदुत्व वोट बैंक का प्रभाव 20 से 25 सीट तक बढ़ गया है। वैसे भाजपा इन सीटों पर पहले से ही प्रभावी है लेकिन इस बार हिंदुत्व का मुद्दा जगदीश शेट्टार के पार्टी छोडऩे के प्रभाव और पुराने विधायकों की एंटी इनकंबेंसी को कम कर देगा। बता दें कि बहुत सारे भाजपा नेताओं ने अपने सोशल मीडिया की प्रफाइल पिक्चर भी बदलकर बजरंगबली की तस्वीर लगा दी है।

कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा कि पार्टी ऐसे संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है जो कि समाज में घृणा की भावना फैलाते हैं और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ते हैं, जाति और धर्म के आधार पर घृणा का सहारा लेते हैं। बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों द्वारा संविधान और कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। बता दें कि कांग्रेस ने पहली बार बजरंग दल को बैन करने की बात नहीं कही है। इससे पहले 2008 में यूपीए सरकार के दौरान कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही थी। 1992 में बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने के बाद भी बजरंग दल पर बैन लगाया गया था। हालांकि इस केस में सनवाई के लिए ट्राइब्यूनल बनाए जाने के बाद बैन हटा लिया गया था।

भाजपा ने कांग्रेस के इस वादे वाले मुद्दे को लपक लिया है। अब इसके जरिए भाजपा उन लोगों को साधने की कोशिश कर रही है जो कि पार्टी की विचारधारा के आधार पर अब तक वोट देते हैं लेकिन वे इस बार भाजपा से संतुष्ट नहीं हैं। वीएचपी के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा, कांग्रेस को इसका फल कर्नाटक चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

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