आरिफ के सारस को जंगल में रहने के लिए किया जा रहा प्रशिक्षित
कानपुर। अमेठी के मोहम्मद आरिफ के साथ एक साल से ज्यादा समय तक रहने वाली सारस को अब कानपुर चिड़ियाघर में जंगल के तौर-तरीकों से तालमेल बिठाना सिखाया जा रहा है। चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक, सारस पके हुए भोजन से धीरे-धीरे कच्चे भोजन की ओर शिफ्ट हो रहा है। अब इसे जंगल में पुनर्वास के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। चिड़ियाघर के निदेशक कृष्ण कुमार सिंह ने कहा, सारस को मैगी, दाल, चावल और खिचड़ी जैसे पके हुए भोजन खाने की जगह धीरे-धीरे जंगली पक्षियों के लिए अधिक उपयुक्त कच्चा आहार खाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
सिंह ने कहा कि वे अब तक सारस को उपयुक्त आहार के अनुकूल बनाने में 80 प्रतिशत सफलता प्राप्त कर चुके हैं। अब वह कच्चे अनाज, कीड़े, क्रस्टेशियन, पालक, जलकुंभी आदि खाने लगा है। 25 मार्च को अपने आगमन के बाद से, सारस एक बाड़े में रह रहा है।
चिड़ियाघर के निदेशक ने कहा, पक्षी के पूरी तरह से ठीक हो जाने के बाद, उसे जंगल भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, पक्षी ने आरिफ के साथ एक साल बिताया, इसलिए उसे जंगल में पुनर्वासित करने में अधिक समय लगेगा। सारस अभी भी वन्य जीवन के बजाय मानवों के साथ रहने को पसंद कर रहा है।
आरिफ के साथ रहने के दौरान सारस उसके साथ खेतों तक जाता था और परिवार के सदस्य की तरह रहता था। पिछले महीने, आरिफ ने कानपुर चिड़ियाघर में पक्षी से मुलाकात की थी। आरिफ अधिकारियों से सारस को अपने पास रखने की अनुमति देने की गुहार लगा रहा है, लेकिन उसके अनुरोध को ठुकरा दिया गया है।