उत्तर प्रदेशराज्य

BJP ने प्रत्याशियों के चयन के लिए शुरू किया सर्वे, 16 सीटों को रेड जोन में रखा…बनाई खास रणनीति

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा सरकार तैयारियों में जुटी है। इसी के चलते बीजेपी ने यूपी की सभी 80 सीटों पर मका सर्वे शुरू किया गया। यह सर्वे 3 लेवल पर ट्रिपल टेस्ट होगा। तीनों में से कम से कम दो सर्वे में जिन दावेदारों के नाम आएंगे उन्हें पैनल में जगह मिल सकती है। फिर प्रत्याशी चयन में उन्हीं नामों पर मंथन किया जाएगा। इन प्रत्याशियों का चयन के लिए मुख्यालय, केंद्रीय संगठन और केंद्र सरकार के स्तर से परख हो रही है। इन तीनों रिपोर्ट मिलाकर ही पार्टी चुनाव का रोडमैप तैयार करेगी।

बता दें कि, भाजपा सरकार ने लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटों को जीतने के लिए लक्ष्य रखा है। जिसको लेकर बीजेपी जोरो शोरों से तैयारियां कर रही है। पार्टी इस चुनाव में उन प्रत्याशियों का चयन करेगी, जो जनता में काफी लोकप्रिय है। इसके लिए बीजेपी ने सर्वे करना शुरू कर दिया है। सर्वे टीम के सदस्य अपनी पहचान छुपाते हुए प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में जाकर मौजूदा सांसद की छवि, क्षेत्र में उसकी उपस्थिति, जनता से व्यवहार को लेकर अन्य जानकारी इकट्ठा करेंगे। प्रत्याशी बदलने पर चुनावी स्थिति, संभावित दावेदार, जातीय समीकरण का भी आकलन किया जाएगा।

वहीं, यूपी नगर निकाय चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद भाजपा ने सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। रेड जोन के इन सीटों पर गहन सर्वे कराया जा रहा है। इसके जरिए पिछली बार हार के कारणों के साथ आगामी चुनाव में जीत के उपाय तलाशे जाएंगे। इसी को देखते हुए बीजेपी ने साल 2014 और साल 2019 के परिणाम के आधार पर बीजेपी ने अंबेडकर नगर, अमरोहा, जौनपुर, लालगंज, सहारनपुर, श्रावस्ती, आजमगढ़, मैनपुरी, रायबरेली, मुरादाबाद, बिजनौर, गाजीपुर, घोसी, रामपुर, संभल और नगीना क्षेत्र को रेड जोन में रखा है।

प्रदेश की जनता के बीच चुनावी मुद्दे, मोदी योगी सरकार की योजनाओं की उपलब्धियों का असर, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर समेत राष्ट्रवाद के अन्य मुद्दों का जनता के बीच राजनीतिक प्रभाव की भी जानकारी जुटाई जा रही है। इस सर्वे के लिए नियुक्त एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में डेरा जमा लिया है। सूत्रों की माने तो सर्वे टीम के सदस्य किसी भी जिले में जाकर अपना परिचय नहीं देंगे। बल्कि चाय की दुकान, सरकारी एवं निजी दफ्तरों, पार्क, प्रबुद्ध लोगों, महिलाओं और युवाओं के बीच जाकर उनसे निर्धारित बिंदुओं के अनुसार बातचीत करेंगे जिसे सर्वे रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।

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