बीजापुर : बीजापुर जिले के दो युवकों की सीआरपीएफ में नियुक्ति से नाराज नक्सलियों की कथित धमकी के कारण उनके परिवारों ने मंगलवार को अपना गांव छोड़ दिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस को घटना की जानकारी मिल गई है। पुलिस इस संबंध में विवरण जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि जानकारी मिली है कि जिले के कुटरू थानाक्षेत्र के तहत आने वाले दरबा गांव के दो आदिवासी युवाओं का परिवार गांव छोड़कर दंतेवाड़ा चला गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों युवकों की लगभग छह महीने पहले सीआरपीएफ में नौकरी लगी थी। दोनों युवकों के केंद्रीय बल में शामिल होने से नाराज नक्सलियों ने कथित तौर पर उनके परिवार को गांव छोड़ने के लिए कहा था। सूत्रों ने बताया कि दोनों परिवारों के लगभग 11 लोग पड़ोस के दंतेवाड़ा जिले में अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं।
क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी से इस घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ स्रोतों के माध्यम से पुलिस को जानकारी मिली है कि हाल ही में सीआरपीएफ में भर्ती हुए युवकों का परिवार अपना निवास स्थान छोड़कर दंतेवाड़ा में स्थानांतरित हो गया है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी भी घटना के पीछे के सही कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
सुंदरराज पी ने कहा कि यह सच है कि कई युवा लड़के और लड़कियां सरकारी सेवाओं में भर्ती होकर क्षेत्र में शांति और विकास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए आगे आए हैं। यह एक स्वागत योग्य बदलाव है कि जो लोग पहले ऐसे अवसरों से वंचित थे, उन्हें अपनी मूल आबादी की सेवा करने का अवसर मिल रहा है लेकिन गांवों में उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
वहीं बस्तर क्षेत्र में तैनात एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि नक्सली बस्तर में अपना आधार खोने से चिंतित हैं। इसी वजह से पुलिस या अर्धसैनिक बलों में शामिल होने वाले आदिवासी युवाओं के परिवारों को धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने से रोकने की यह नक्सलियों की रणनीति रही है। नक्सली अपना प्रभाव बनाए रखना चाह रहे हैं।