नई दिल्ली : गाजियाबाद में विदेश मंत्रालय के एक कर्मचारी द्वारा देश की आर्थिक नीतियों से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान भेजने का मामला सामने आया है। खुफिया एजेंसी से इनपुट मिलने के बाद पुलिस और विदेश मंत्रालय में हड़कंप मच गया। तीन दिन की गोपनीय जांच के बाद गाजियाबाद पुलिस ने भीमनगर निवासी आरोपी नवीन पाल के खिलाफ मंगलवार की रात शासकीय गुप्त बात अधिनियम और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया।
देश की एक खुफिया एजेंसी ने गाजियाबाद पुलिस को सूचना दी कि कमिश्नरेट में रहने वाला एक युवक विदेश मंत्रालय के आला अधिकारी का मातहत है। इसके चलते मंत्रालय के तमाम अहम और गोपनीय दस्तावेज उसके जरिए इधर-उधर किए जाते हैं। इन दस्तावेजों को वह किसी एजेंट के साथ शेयर कर रहा था। इसकी एवज में वह युवक से मोटी रकम वसूल रहा था। सूत्रों की मानें तो संदिग्ध आरोपी ने कई ऐसे गोपनीय दस्तावेज पाकिस्तानी युवक के साथ लीक कर दिए, जिन्हें मंत्रालय के अधिकारी ने प्रिंट आउट निकाल कर देने को कहा था।
सूचना मिलते ही हरकत में आई कमिश्नरेट पुलिस ने आरोपी पर शिकंजा कस दिया। आरोपी से पूछताछ जारी है। अब तक की पूछताछ के बाद पुलिस को तमाम ऐसे सुबूत हाथ लगे हैं जो उसके पाकिस्तानी कनेक्शन को पुख्ता करते हैं।
बताया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय का कर्मचारी जिस व्यक्ति को देश की आर्थिक नीतियों से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को साझा कर रहा था, वह जांच में पाकिस्तान का निकला है। हालांकि, पाकिस्तानी एजेंट ने युवक को बताया था कि वह कोलकाता में रहता है। पता चला है कि युवक पाकिस्तानी एजेंट के वॉट्सऐप नंबर पर मंत्रालय के अहम दस्तावेज भेजता था। पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय का आरोपी कर्मचारी पाकिस्तान को देश की गोपनीय सूचनाएं शेयर करने के बदले में रकम वसूलता था। पाकिस्तानी एजेंट द्वारा पेटीएम के माध्यम से आरोपी कर्मचारी को पैसे ट्रांसफर करने की पुष्टि भी हुई है। सूत्रों का कहना है कि संदिग्ध युवक के अन्य परिजन भी देश के विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों में काम करते हैं। पुलिस सभी बिंदुओं पर मामले की जांच पड़ताल कर रही है।