फ्रांस यात्रा के बाद PM मोदी पहुंचे UAE, की क्राउन प्रिंस नाहयान से मुलाकात
नयी दिल्ली/अबू धाबी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की एक दिवसीय यात्रा पर शनिवार को अबू धाबी पहुंचे। इस दौरान वह अरब देश के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से मुलाकात की और दोनों सामरिक साझेदारों के बीच मजबूत हो रहे द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेंगे। मोदी फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा संपन्न करने के बाद अबू धाबी पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के UAE की आधिकारिक यात्रा से पहले दुबई के बुर्ज खलीफा ने कल भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रंग प्रदर्शित किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से से भी मुलाकात की। जानकारी दें कि इससे पहले वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में बैस्टिल दिवस परेड में शामिल हुए थे और उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। मोदी यूएई के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से वार्ता करेंगे।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने UAE की यात्रा पर रवाना होने से पहले बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा था, “मैं अपने मित्र शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से मुलाकात करने के लिए उत्साहित हूं।” उन्होंने कहा था, “दोनों देश व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, फिनटेक, रक्षा, सुरक्षा और लोगों के बीच परस्पर मजबूत संबंधों जैसे व्यापक क्षेत्रों में सक्रिय हैं।”
इधर अपनी UAE की यात्रा के दौरान मोदी वहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ खासतौर पर ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा एवं रक्षा जैसे मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं। इस दौरान दोनों रणनीतिक साझेदार देश एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हुई प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी को नयी गति देने वाले वृहद आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर कोविड-19 महामारी के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। संयुक्त अरब अमीरात में प्रवासी भारतीय समुदाय सबसे बड़ा जातीय समुदाय है और देश की कुल आबादी में उसकी तकरीबन 30 फीसदी हिस्सेदारी है। संयुक्त अरब अमीरात के रिकॉर्ड के अनुसार, 2021 में देश में प्रवासी भारतीय नागरिकों की संख्या लगभग 35 लाख थी।