मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत, गैंगस्टर मामले में मिली जमानत, जुर्माने पर लगाई रोक
प्रयागराज. इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने 2007 के गैंगस्टर मामले में माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को सोमवार को जमानत दे दी और साथ ही उसपर लगाए गए पांच लाख रुपये जुर्माने पर रोक लगा दी। मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत के निर्णय के खिलाफ अपील दायर की थी। विशेष अदालत ने अंसारी को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी और पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया था।
न्यायमूर्ति राजबीर सिंह इस मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि बाद के चरण में मौजूदा अपील पर सुनवाई के दौरान दोषसिद्धि रद्द करने की अपील पर सुनवाई की जाएगी। इससे पूर्व, मुख्तार के वकील ने अपनी अपील में दलील दी थी कि 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में अंसारी की कथित संलिप्तता के आधार पर उन पर गैंगस्टर कानून लगाया गया था और उस मामले में उन्हें पहले ही बरी किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इसलिए गैंगस्टर कानून के तहत दायर मौजूदा मामले में कुछ बचा नहीं है। अंसारी के अधिवक्ता ने यह दलील भी दी कि उनका मुवक्किल मुकदमे की सुनवाई के दौरान पहले ही 10 साल से अधिक की सजा काट चुका है, इसलिए दोषसिद्धि के बाद भी उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं बनता। वहीं दूसरी ओर, सरकारी वकील ने इन दलीलों का यह कहते हुए विरोध किया कि अंसारी को जेल में रखने के पर्याप्त आधार हैं। अदालत ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय 20 सितंबर, 2023 को सुरक्षित रख लिया था।
गाजीपुर की विशेष अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को दिए अपने निर्णय में अफजाल अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी को 2007 के गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिया था और अफजाल को चार वर्ष और मुख्तार को 10 वर्ष की सजा सुनाई थी।