वतन वापसी को बेताब हुए इजराइली, सेना में होना चाहते हैं भर्ती; लेकिन सामने है ये दिक्कत
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नई दिल्ली : इजराइल में हमास के बीच दूसरे देशों में रह रहे इजराइली लोग अब अपने अपने वतन वापस लौटना चाहते हैं. युवा अब अपने देश इजराइल जाकर आर्मी में भर्ती होना चाहते हैं. हालांकि इसके लिए उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. क्यों कि आतंकी हमले के बाद कई एयरलाइंस ने इजराइल के लिए डायरेक्ट फ्लाइट कैंसिल कर पर्यटकों को रिफंड देना शुरू कर दिया है.
भारत में भी बड़ी तादाद में इजराइली पर्यटक आते हैं. ज्यादातर पहाड़गंज के होटलों में रुकते हैं. यहां इजराइली लोगों की धार्मिक जगह खबाद भी है. जहां बड़ी संख्या में इजराइली लोग जाते हैं. ऐसे में इन लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खबाद के बाहर RAC के सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है साथ ही दूसरे नागरिकों के आने पर बैन (ban) लगा दिया गया है. सुरक्षाकर्मी यहां आने वाले सभी लोगों के पासपोर्ट चेक कर रहे हैं.
इजराइली पर्यटक तोमर के मुताबिक उनकी वापसी फ्लाइट इस्तांबुल के रास्ते इजराइल के लिये थी, लेकिन कंपनी ने कनेक्टिंग फ्लाइट कैंसिल कर दी, जिसके बाद उन्हें भारत से इस्तांबुल जाने की फ्लाइट भी कैंसिल करनी पड़ी. ऐसे में अब वो दिल्ली में फंसे हुए हैं. पेशे से चाइनीज़ मेडिसिन डॉक्टर तोमर का कहना है कि वतन वापसी कर अगर जरूरत पड़ी तो वो सेना में भर्ती होकर देश के लिए सेवाएं देंगे.
वहीं भारत आई एक अन्य लड़की का कहना है कि वो अपने दोस्तों के साथ भारत ट्रिप आई हैं, लेकिन उनके कई दोस्तों को इजराइल वापस बुलाकर आर्मी ज्वाइन करने को कहा गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो भी वापस जाकर अपनी दो साल की अनिवार्य सेना भर्ती पूरी करना चाहती हैं.
बता दें कि इजराइल में महिला पुरुष सभी नागरिकों को सेना में सेवा देना अनिवार्य है. पुरुषों को स्कूल शिक्षा पूरी करने के बाद तीन साल जबकि महिलाओं को दो साल तक सेना में सेवाएं देना जरूरी है. ऐसे में वहां के सभी नागरिक आर्मी की ट्रेनिंग में माहिर होते हैं.
इजराइली नागरिकों ने हमास और इजराइल के बीच छिड़े युद्ध में इजराइल का समर्थन करने पर खुशी जाहिर की उन्होंने भारत सरकार के इस कदम का स्वागत किया. इन लोगों का कहना है वो लोग भारत में सुरक्षित महसूस करते हैं. ऐसे में किसी और इस्लामिक देश के जरिए इजराइल वापस नहीं जाना चाहते.