भारत ने बब्बर खालसा से संबद्ध गैंगस्टर लखबीर लांडा को आतंकवादी घोषित किया
नई दिल्ली: भारत ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबद्ध गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा को आतंकवादी घोषित किया है। वह फिलहाल कनाडा के एडमोंटन (अल्बर्टा) में रहता है। भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत यह फैसला लिया है। लांडा पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की।
अधिसूचना के अनुसार, लांडा पाकिस्तान से भारत में तस्करी किए जाने वाले हथियारों और आईईडी डिवाइस की निगरानी करता है। लांडा ही नौ मई, 2022 को पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हुए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमले का भी मास्टर माइंड है। उसके खिलाफ पंजाब पुलिस और एनआईए ने केस दर्ज किया है। वह फिलहाल फरार है और कनाडा में छुपकर बैठा है। लांडा कनाडा के खालिस्तान समर्थक तत्वों के साथ भी जुड़ा हुआ है।
पंजाब पुलिस के अनुसार, लांडा पंजाब के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में आंतकी मॉड्यूल को खड़ा करता है। साथ ही जबरन वसूली, हत्या, ब्लास्ट, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी में शामिल है। लांडा के खिलाफ 2021 में लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। एनआईए ने उस पर इनाम भी घोषित किया है।
कौन है लांडा?
लांडा को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘लखबीर सिंह उर्फ लांडा, जो वर्तमान में कनाडा के एडमोंटन, अल्बर्टा में रहता है, बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंधित है. सीमा पार एजेंसी द्वारा समर्थित लांडा कंधे पर रखे जाने वाले रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड के माध्यम से आतंकवादी हमले में शामिल था.
पंजाब खुफिया मुख्यालय मोहाली में है और पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सीमा पार से अलग-अलग मॉड्यूलों को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), हथियार, विस्फोटकों की आपूर्ति करने के काम में भी शामिल रहा है.
लांडा मूल रूप से पंजाब का रहने वाला है, लेकिन पिछले कुछ सालों से कनाडा में रह रहा है. वह भारत के खिलाफ साजिश रचने में शामिल रहा है. इस साल सितंबर में, पंजाब पुलिस ने कनाडा स्थित आतंकवादी के करीबी सहयोगियों से जुड़े 48 स्थानों पर छापेमारी की थी.
यह कार्रवाई 21 सितंबर को एक व्यापारी पर दो हमलावरों द्वारा हमला किए जाने के बाद हुई. व्यापारी ने कहा था कि उसे किसी ऐसे व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को लांडा के करीबी होने का दावा किया था और 15 लाख रुपये की मांग की थी. छापेमारी के बाद कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.