राष्ट्रीय

विश्वविद्यालयों में 207 फुट ऊंचा झंडा ही क्यों लहराएगा?

flag-56c8006d8c17f_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/ जेएनयू विवाद के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 207 फुट ऊंचा तिरंगा लगाने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालयों राष्ट्रीय ध्वज स्‍थापित होना हर भारतीय के लिए गर्व की बात होगी लेकिन सब के मन में यह सवाल भी है कि सरकार ने 207 फुट ऊंचाई वाला ही तिरंगा लगाने का फैसला क्यों लिया?
तिरंगे को आमजन तक पहुंचाने वाले कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल की संस्‍था फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया अब तक कई जगहों पर 100 और 200 फुट ऊंचाई वाले झंडे स्‍थापित कर चुकी है।
लेकिन भारत सरकार ने सबसे ऊंचा तिंरगा सात मार्च 2014 को दिल्ली के सेंट्रल पार्क में स्‍थापित किया था। इस तिरंगे को 207 फुट की ऊंचाई वाले खंभे पर लगवाया था जो कि भारत का सबसे ऊंचा तिरंगा बना।
सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में जब तिरंगा लगाने की बात आई तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 207 फुट ऊंचाई वाला तिरंगा लगाने का ही फैसला लिया। 207 फुट ऊंचा तिरंगा लगाने के पीछे यही कारण बताया जा रहा है कि सरकार सेंट्रल पार्क जैसा तिरंगा ही सभी विश्वविद्यालयों में लगाना चाहती है। 

बहुत ऊंचाई वाले झंडों में आने वाले खर्च को लेकर फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सीईओ केवी सिंह का कहना है कि 200 के करीब ऊंचाई वाला एक झंडा लगाने में करीब 40 से 45 लाख रुपए का खर्च आएगा।
उन्होंने इकोनॉमिक्स टाइम्स को बताया कि 200 फुट ऊंचाई वाले झंडे की देख-रेख में करीब 65 हजार रुपए हर महीने खर्च आता है।
ध्यान रहे कि दिल्‍ली के सेंट्रल पार्क में जो 207 फुट ऊंचा झंडा लगाया गया था उसके लिए पुणे की एक स्टील कंपनी से उच्च क्वालिटी के स्टील के पाइप पोल बनवाया गया था जो कई सालों तक पानी में रहने पर भी खराब नहीं होगा। इस झंडे को लगाने में सरकार को करीब 40 लाख रुपए का खर्च आया था।

Related Articles

Back to top button