अमेरिका में एक और भारतीय मूल के छात्र की मौत, इस साल अब तक छह भारतीयों ने तोड़ा दम
न्यूयॉर्कः अमेरिका के बोस्टन में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई और प्रारंभिक जांच में इस मामले में किसी साजिश की आशंका से इनकार किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को कहा। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बोस्टन में एक भारतीय छात्र अभिजीत पारुचुरू के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ।” पारुचुरू के माता-पिता कनेक्टिकट में रहते हैं और जांच अधिकारियों के सीधे संपर्क में हैं। वाणिज्य दूतावास ने कहा कि शुरुआती जांच में किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका से इनकार किया गया है।
वाणिज्य दूतावास ने कहा कि उसने पारुचुरू के ‘‘शव को भारत भेजने और आवश्यक दस्तावेज तैयार करने में सहायता प्रदान की” और वह इस मामले में स्थानीय प्राधिकारियों एवं भारतीय-अमेरिकी समुदाय के संपर्क में है। सूत्रों के अनुसार, 20 वर्षीय पारुचुरु का अंतिम संस्कार आंध्र प्रदेश में उसके गृहनगर तेनाली में हुआ। अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संगठन ‘टीम एड’ ने शव को भारत लाने में मदद की।
जंगल में कार में मिला था अभिजीत पारुचुरी का शव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिजीत पारुचुरू आंध्र प्रदेश के गुंटूर के मूल निवासी थे और बोस्टन विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने पिछले साल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था। वह अपने एक क्लासमेट (सहपाठी) के साथ किराए के अपार्टमेंट में रह रहे थे। पुलिस को उसका शव कैंपस के जंगल के अंदर एक लावारिस कार में फेंका हुआ मिला था।
माता-पिता की इकलौती संतान और पढ़ाई में तेज थे अभिजीत पारुचुरी
अभिजीत के माता-पिता पारुचुरी चक्रधर और श्रीलक्ष्मी को जब इकलौते बेटे की दुखद मौत के बारे में पता चला तो उन्हें गहरा सदमा लगा। उनके परिजनों के मुताबिक, अभिजीत पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज थे, लेकिन उनकी मां ने विदेश में पढ़ाई की योजना का विरोध किया था।
11 मार्च को किया गया था अभिजीत पारुचुरी पर हमला- मीडिया रिपोर्ट्स
अभिजीत पारुचुरी का पार्थिव शरीर शुक्रवार देर शाम गुंटूर के बुर्रिपालेम स्थित उनके आवास पर लाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 11 मार्च को विश्वविद्यालय परिसर में हमलावरों ने अभिजीत की हत्या कर दी और उनका शव जंगल में एक कार में पाया गया।
इस साल की शुरुआत से अब तक अमेरिका में भारतीय और भारतीय मूल के कम से कम छह छात्रों की मौत हो चुकी हैं। भारतीय-अमेरिकी छात्रों पर हमलों संबंधी घटनाओं की संख्या में चिंताजनक वृद्धि ने समुदाय में चिंता पैदा कर दी है।