हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा, आपको पता भी है कि देशद्रोह होता क्या है:जेएनयू विवाद
दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाने को लेकर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए कन्हैया कुमार की जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 मार्च तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसके पास ऐसा कोई वीडियो नहीं है, जिसमें कन्हैया को देश विरोधी नारे लगाते हुए देखा जा सके।
दरअसल मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाइकोर्ट ने पुलिस से पूछा कि क्या उसके पास वैसा कोई वीडियो है, जिसमें कन्हैया देश विरोधी नारे लगा रहा हो। इस पर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसके पास ऐसा कोई वीडियो नहीं है, लेकिन उसके पास कुछ ऐसे गवाह हैं जो कह रहे हैं कि कन्हैया ने नारे लगाए थे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ये सवाल भी उठाया कि जब 9 फरवरी को ही नारेबाजी के वक्त सादे कपड़ों मे पुलिस मौजूद थी तो फिर उसने चैनल के वीडियो का इंतजार क्यों किया।
इस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की खिंचाई करते हुए पूछा कि क्या आपको पता भी है कि देशद्रोह होता क्या है। कोर्ट ने पूछा कि पुलिस बताए कि मामला कितना गंभीर है। क्या उम्रकैद का मामला बनता है या फिर सिर्फ जुर्माने का। इस पर पुलिस ने जवाब दिया कि मामला स्पेशल सेल के पास चला गया है और अब सारी जिम्मेदारी उसी की है।
इस मामले में कन्हैया के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कन्हैया ने कोई नारेबाजी नहीं की और ना ही वह इसमें शामिल था। इसलिए उसके खिलाफ देशद्रोह का केस नहीं बनता है। वहीं दिल्ली सरकार ने कन्हैया की जमानत याचिका का समर्थन किया। सरकार ने कहा कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और किसी निर्दोष को जेल में नहीं रखा जाना चाहिए।