नई दिल्ली: कोलकाता में हाल ही में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले ने देशभर में गुस्से और चिंता की लहर पैदा कर दी है। इस दुखद घटना के बाद पीड़िता के परिवार का दर्द और तकलीफ अत्यंत गहरा है।
पीड़िता के पिता ने मीडिया से बात करते हुए अपनी बेटी की डायरी में लिखी कुछ बातें साझा कीं और इस कठिन समय में उनकी स्थिति का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की एकमात्र ख्वाहिश थी कि वह मेडिकल में गोल्ड मेडल हासिल करे। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी ने अपनी डायरी में लिखा था कि उसे एमडी में गोल्ड मेडल चाहिए। उसने बहुत मेहनत की थी, हर दिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई करके इस मुकाम तक पहुंची थी। एक रात में हमारा सपना चूर-चूर हो गया।”
इस दर्दनाक घटना के बाद, पीड़िता के परिवार ने न्याय की मांग की है और समाज से समर्थन प्राप्त किया है। पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्हें यह देखकर हिम्मत मिली है कि पूरा देश उनकी बेटी के लिए लड़ रहा है और न्याय की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे नुकसान की भरपाई कोई नहीं कर सकता, चाहे सीबीआई हो या कोई और। लेकिन, पूरे देश का समर्थन हमें हिम्मत दे रहा है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या वे सीबीआई द्वारा जांच से संतुष्ट होंगे, तो उन्होंने कहा, “संतुष्टि की बात करना बहुत गलत है। क्या सीबीआई की जांच मेरी बेटी को वापस ला सकती है? हम बस उम्मीद करते हैं कि कुछ न कुछ मिलेगा।”
पीड़िता के पिता ने आरोपियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है और कहा कि जिन लोगों ने उनकी बेटी पर अत्याचार किया, उन्हें उसी तरह की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक सीबीआई के अधिकारियों ने उनसे संपर्क नहीं किया है, लेकिन वे आशा करते हैं कि जांच सही दिशा में जाएगी। मामले में हाल ही में गिरफ्तार किए गए संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
संजय रॉय, जो 2019 से कोलकाता पुलिस के डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप में एक सिविक वॉलंटियर के रूप में काम कर रहा था, पर बलात्कार और हत्या का आरोप है। इस मामले की जांच अब सीबीआई के हाथ में है, और समाज की नजरें इस पर हैं कि दोषियों को न्याय मिलेगा या नहीं। इस घटना ने केवल पीड़िता के परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को झकझोर दिया है। लोगों का आक्रोश और पीड़िता के परिवार के प्रति सहानुभूति यह दिखाती है कि न्याय की दिशा में कितनी गहरी और गंभीर अपेक्षाएँ हैं।