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महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बंगाल सरकार ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे देश को सन्न कर दिया है। इस मुद्दे पर राज्य की सीएम ममता बनर्जी की लीडरशिप वाली सरकार को विपक्षी दल निशाने पर ले रहे हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस वारदात को लेकर एक तरफ जहां डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है, तो दूसरी ओर IMA ने नेशन वाइड हड़ताल का ऐलान कर रखा है। वहीं शनिवार को ममता सरकार ने इस वारदात के बाद महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कुछ बड़े फैसले किए हैं, जिससे उन्हें वर्कप्लेस में भी सुरक्षित महसूस हो। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों सहित महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की गई है।

मोबाइल ऐप लॉन्च करेगी बंगाल सरकार
रात्रि साथी महिलाओं के लिए सीसीटीवी कवरेज वाले सुरक्षित क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। साथ ही अलार्म सिस्टम के साथ ही खास मोबाइल फोन ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जो स्थानीय पुलिस से जुड़ा रहेगा। कार्यस्थलों पर महिलाओं को किसी भी दिक्कत के लिए 100 और 112 पर फोन करना चाहिए। साथ ही जिला अस्पतालों सहित सभी सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा जांच और श्वास विश्लेषक रखे जाएंगे। हर जगह यौन उत्पीड़न समिति का गठन किया जाएगा। इसके तहत जोड़े में काम करने कल्चर को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि उन्हें एक दूसरे की हरकतों और आदतों की जानकारी रहे।

“रात्रि साथी” के लागू होने से क्या होगा?
वहीं इस योजना के तहत निजी संस्थानों में रात्रि साथी का हिस्सा बनने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा। इसके तहत अस्पतालों में पुलिस आधी रात को गश्त करेगी। महिलाओं के लिए उपयुक्त पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं अस्पताल के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से पहचान पत्र टांगना अनिवार्य रहेगा, जिसमें संकाय का भी जिक्र होना चाहिए। इसके अलावा सभी अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती की जाएगी और महिलाओं के लिए काम करने के घंटों को भी निर्धारित किया जाएगा। इस योजना के तहत महिलाओं को केवल 12 घंटे तक ही काम करना अनिवार्य रहेगा। जहां, तक संभव हो महिलाओं को नाइट शिफ्ट से छूट दी जाएगी। वहीं जो सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती होगी, उसमें पुरुष और महिला सुरक्षा गार्ड दोनों ही शामिल रहेंगे।

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