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सर्दियों में के मौसम में बढ़ जाती है गले में खराश की समस्‍या, इन टिप्‍स की मदद से मिलेगा छुटकारा

नई दिल्ली : सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है और बदलते मौसम में कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। सर्दियों के मौसम में गले में खराश (Sore throat) होना एक आम समस्या बन जाती है। इसकी वजह से गले में दर्द, खुजली और जलन महसूस होती है। गले में खराश की वजह से कुछ भी निगलने में दिक्कत महसूस होती है। हालांकि हालांकि ये कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन इसकी वजह से खाने-पीने से लेकर सोने तक में बहुत तकलीफ होती है। कुछ घरेलू तरीकों से गले की खराश में आराम पाया जा सकता है।

गले का खराश में शहद बहुत फायदेमंद है। चाय के साथ या सिर्फ अकेले शहद ही इस दिक्कत को दूर करने के लिए काफी है। एक स्टडी में रात के समय होने वाली खांसी में दवाओं की तुलना में शहद (Honey) को ज्यादा असरदार पाया गया है। शहद घाव को तेजी से भरता है इसलिए ये गले की खराश को जल्दी ठीक करता है।

खारे यानी नमक के पानी से गरारे करने से गले की खराश में काफी आराम मिलता है। ये गले में मौजूद बैक्टीरिया को भी मारने का काम करता है। एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर इसे खारा कर लें और इससे गरारे करें। इससे गले की सूजन कम होती है और गला साफ रहता है। हर तीन घंटे में इस पानी से गरारे करें।

पुदीना मुंह का दुर्गंध दूर करने के लिए जाना जाता है। पुदीने का तेल गले की खराश को दूर करता है। पेपरमिंट में मेन्थॉल होता है, जो बलगम को पतला करता है और गले की खराश कम करता है। इसमें में भी इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल प्रोपर्टीज के गुण पाए जाते हैं। इसे हमेशा ऑलिव ऑयल, आलमंड ऑयल या भी नारियल के तेल के साथ मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए।

ज्यादातर लोग खारे पानी का गरारे करते हैं लेकिन बेकिंग सोडा को नमक के पानी में मिलाकर गरारे करने से भी गले की खराश से राहत मिलती है। बेकिंग सोडा का पानी गले में बैक्टीरिया और फंगल को मारता है। 1 कप गर्म पानी, 1/4 चम्मच बेकिंग सोडा और 1/8 चम्मच नमक डालें और हर तीन घंटे पर इससे गरारे करें।

मेथी सेहत के लिए कई तरीके से फायदेमंद है और ये कई रूप में मिलता है। आप मेथी के बीज खा सकते हैं, इसके तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर मेथी की चाय बनाकर पी सकते हैं। मेथी की चाय गले की खराश का नेचुरल इलाज है। रिसर्च के मुताबिक मेथी में रोग ठीक करने की क्षमता होती है और ये गले में जलन या सूजन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार सकता है। मेथी एक प्रभावी एंटीफंगल भी है। हालांकि गर्भवती महिलाओं को मेथी के सेवन से बचना चाहिए।

गले की खराश में मुलेठी की जड़ का इस्तेमाल बहुत लंबे समय से किया जाता रहा है। हाल के एक रिसर्च से पता चलता है कि गरारे के पानी में ये मिलाने पर ज्यादा प्रभावी तरीके से काम करता है। हालांकि प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं को ये नुस्खा नहीं आजमाना चाहिए।

एप्पल साइडर विनेगर में कई नेचुरल एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो इंफेक्शन से प्रभावी तरीके से लड़ते हैं। एसिडिक होने की वजह से ये गले में फंसे बलगम (Mucus) को बाहर निकालता है और बैक्टीरिया को फैलने से रोकता है। अगर आपको गले में खराश की दिक्कत हो रही है तो एक कप पानी में 1 से 2 बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर घोलें और इससे गरारे करें। इस मिश्रण का छोटा घूंट लें, और पूरी प्रक्रिया को एक घंटे में दो बार दोहराएं।

लहसुन में भी नेचुरल एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इसमें पाया जाने वाले एलिसिन में इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता होती है। स्टडीज के मुताबिक हर दिन लहसुन खाने से सर्दी के वायरस को रोकने में मदद मिलती है। अपनी डेली डाइट में लहसुन को शामिल करें। गले की खराश दूर करने के लिए लहसुन की कली चूसना भी एक पुराना नुस्खा है। हालांकि इसे खाने के बाद ब्रश जरूर करें वरना सासों की दुर्गंध बढ़ सकती है।

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