राजनीतिराज्य

जो सनातन और संत से बैर रखता है, उसे राजनीति करने का अधिकार नहीं : आचार्य प्रमोद कृष्णम

नई दिल्ली: कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोमवार को कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो संत और सनातन से बैर रखता है, उसे राजनीति करने का अधिकार नहीं है। कल्कि पीठाधीश्वर और कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आज ऐंचोड़ा कंबोह में पत्रकारों से बातचीत में खरगे द्वारा सनातन ओर योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी करने के सवाल पर कहा, ‘‘मल्लिकार्जुन खरगे नाम से लगता है कि वो हिंदू हैं, लेकिन काम से नहीं लगता कि वह हिंदू हैं।”

सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पहले खरगे जी को बताना चाहिए वह कौन से हिन्दू हैं? कोई भी हिंदू संत महात्माओं का अपमान नहीं कर सकता और वह जिस तरह से बयान दे रहे हैं, उससे लगता है उन्हें सनातन से बैर है।” कल्कि पीठाधीश्वर ने कहा, ‘‘जो संत और सनातन से बैर रखता है, मुझे नहीं लगता कि उसको भारत में राजनीति करने का अधिकार है।”

उन्होंने कहा, ‘‘खरगे जी इतने बुजुर्ग नेता हैं, हिन्दू संतों का अपमान, सनातन का अपमान, भगवा का अपमान यह उन्हें शोभा नहीं देता, जो हिन्दू होगा वो हिंदू संतों का अपमान नहीं करेगा।” प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘‘योगी आदित्यनाथ जी भाजपा के नेता हैं, मुख्यमंत्री हैं, एक संत है, साधु-संन्यासी हैं, उनके विषय में इतनी हल्की टिप्पणी करना उनको (खरगे) शोभा नहीं देता।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर पलटवार करते हुए शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में कहा कि जो लोग चाहते हैं कि देश एकजुट रहे, वे कभी भी इस तरह की विभाजनकारी टिप्पणियां नहीं करेंगे। खरगे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कहा कि पहले वह तय कर ले कि उसे योगी के नारे ‘बटेंगे तो कटेंगे’ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एकता के संदेश ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ में से किसे अपनाना है। इसके पहले खरगे ने पांच नवंबर को रांची में कहा, ‘‘भाजपा के विचार सड़े हुये हैं और वह ‘बटेंगे तो कटेंगे’ में विश्वास करती है।”

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