उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दलित युवक की हत्या निंदनीय – कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Khadge) ने कहा कि उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दलित युवक की हत्या (Murder of Dalit Youth in Raebareli Uttar Pradesh) निंदनीय है (Is Condemnable) । पार्टी की ओर से एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर उन्होंने इस घटना को संविधान और सामाजिक न्याय के खिलाफ अपराध बताया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर कांग्रेस की तरफ से जारी किए गए संयुक्त वक्तव्य का पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया कि रायबरेली में दलित युवक की हत्या निंदनीय है । यह घटना देश के संविधान का अपमान है, जो सभी नागरिकों को समानता और सुरक्षा का अधिकार देता है। यह दलित समुदाय के खिलाफ अपराध होने के साथ-साथ पूरे समाज पर कलंक है। पार्टी ने कहा कि देश में दलितों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। चाहे हाथरस और उन्नाव में महिलाओं पर अत्याचार, रोहित वेमुला की हत्या, मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक पर यूरिन करने की अमानवीय घटना, ओडिशा और मध्य प्रदेश में दलितों की पिटाई या फिर हरियाणा के पहलू खान और उत्तर प्रदेश के अखलाक की हत्या हो, ये सभी मामले समाज और प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाते हैं।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि 2014 के बाद से मॉब लिंचिंग, बुलडोजर की कार्रवाई और भीड़तंत्र जैसी घटनाएं आम हो गई हैं, जो किसी सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य नहीं हैं। हरिओम की हत्या हमारे समाज की नैतिकता पर सवाल उठाती है। कांग्रेस पार्टी ने डॉ. भीमराव आंबेडकर और महात्मा गांधी के सपनों के भारत की बात की, जो सामाजिक न्याय, समानता और संवेदना पर आधारित है। कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए और मानवता ही एकमात्र रास्ता है। संयुक्त वक्तव्य में लोगों से अपील की गई कि वे इस तरह के अन्याय के खिलाफ एकजुट हों। कांग्रेस वंचित और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी ने मांग की कि हर भारतीय के अधिकारों और सम्मान की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी पार्टी का संयुक्त वक्तव्य जारी कर रायबरेली की घटना की निंदा की। राहुल गांधी ने मंगलवार को एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम हत्या सिर्फ एक इंसान की नहीं, बल्कि इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या है। आज भारत में दलित, आदिवासी, मुसलमान, पिछड़े और गरीब, हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी आवाज कमजोर है, जिसकी हिस्सेदारी छीनी जा रही है और जिसकी जिंदगी सस्ती समझी जाती है।” उन्होंने कहा, “देश में नफरत, हिंसा और भीड़तंत्र को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है, जहां संविधान की जगह बुलडोजर ने ले ली है और इंसाफ की जगह डर ने। मैं हरिओम के परिवार के साथ खड़ा हूं, उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। भारत का भविष्य समानता और मानवता पर टिका है और यह देश संविधान से चलेगा, भीड़ की सनक से नहीं।”