प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, राष्ट्रपति की विधेयक मंजूरी की समयसीमा से जुड़ा है मामला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर अपना फैसला गुरुवार को सुनाएगा। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पूछा था कि क्या कोई संवैधानिक अदालत राज्य विधानसभाओं से पारित विधेयकों को मंजूरी देने के लिए राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए समयसीमा तय कर सकती है। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर की संविधान पीठ ने 10 दिनों तक दलीलें सुनीं और 11 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
राष्ट्रपति मुर्मु ने मई में संविधान के अनुच्छेद-143(1) के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके सुप्रीम कोर्ट से पूछा था कि क्या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित किए गए विधेयकों पर राष्ट्रपति और राज्यपाल द्वारा विवेकाधिकार का इस्तेमाल करने के लिए न्यायिक आदेश द्वारा समयसीमा तय की जा सकती है।
राष्ट्रपति ने यह कदम तमिलनाडु सरकार द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपाल की शक्तियों को लेकर शीर्ष अदालत के आठ अप्रैल के फैसले के बाद उठाया था।



