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इंडिगो की रद्द उड़ानों पर सियासी हंगामा, विपक्ष ने सरकार और एयरलाइन पर साधा निशाना

नई दिल्ली । इंडिगो एयरलाइंस की सैकड़ों उड़ानों के अचानक रद्द होने और देरी से देशभर के हवाई अड्डों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं। इस मामले में विपक्षी दलों के सांसदों और नेताओं ने केंद्र सरकार और एयरलाइन कंपनी की कड़ी आलोचना की है। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद नीरज कुशवाहा ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। बड़ी संख्या में यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि इस मामले का तुरंत संज्ञान लें और उड़ान सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करें।” सपा के ही एक अन्य सांसद आनंद भदौरिया ने पायलटों के नए नियमों को इसका कारण बताया। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले सरकार ने पायलटों के लिए नए नियम लागू किए, जिन्हें सभी एयरलाइंस ने मान लिया। इंडिगो को लगा कि उनके पास पर्याप्त संसाधन और स्टाफ हैं। लेकिन अब पता चला है कि इंडिगो के पायलटों ने कहा है कि जब बाकी एयरलाइंस कम घंटे में उड़ानें चला रही हैं, तो हम क्यों ज्यादा काम करें?”

उन्होंने सरकार को संवेदनहीन बताया। हालांकि, सपा सांसद ने यह भी मांग की कि सरकार को तत्काल मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष एवं सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कंपनी पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्हें तकलीफ उठानी है, वे उठाएंगे। कंपनियों के ऊपर कोई लगाम नहीं है। चंद्रशेखर ने कहा, “आम पैसेंजर ने टिकट बुक किए हैं और जिन्हें तुरंत ट्रैवल करना है, लेकिन उड़ान रद्द होने से उनके प्लान खराब होंगे, उनके परिवारों पर असर पड़ेगा और उन्हें फाइनेंशियल नुकसान होगा। कंपनी को इससे क्या फर्क पड़ता है? यहां कंपनी बिना किसी जवाबदेही के मनमानी कर रही है। चाहे वे 500 फ्लाइट्स कैंसिल करें या 5,000, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।”

उन्होंने आगे कहा, “निजी कंपनियां पूरा पैसा लेती हैं। आपके लेट होने पर गेट बंद हो जाएंगे, लेकिन उड़ानों में देरी पर कंपनियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है, चाहे यात्री का कितना भी नुकसान क्यों न हो जाए। जब तक इन कंपनियों पर सख्त कंट्रोल नहीं किया जाएगा, हम ऐसी नाइंसाफी और जुल्म देखते रहेंगे।” चंद्रशेखर ने नागरिक उड्डयन मंत्री से अपील की कि वे इस मामले में कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। वहीं, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से सीपीएम प्रवक्ता चिगुरुपति बाबू राव ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि न कोई जवाब दिया जा रहा है और न अलग से इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार और मंत्री को जवाब देना चाहिए कि आखिर यह हुआ क्यों और एयरलाइन ने ऐसी असुविधा क्यों पैदा की? सड़क परिवहन में सरकार फेल हो चुकी है, ट्रेनें भी परेशानी में हैं और अब हवाई जहाज भी दिक्कत में हैं। पूरा परिवहन तंत्र लचर हो चुका है।”

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