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MP सरकार ने फर्जी वेबसाइट्स को दे दिए 14 करोड़ के विज्ञापन

bharat-seva_1462774322मध्य प्रदेश में सरकार ने 234 वेबसाइट्स को 14 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया है जिसमें से अधिकतर पत्रकारो के रिश्तेदारों द्वारा संचालित किए जाते हैं। यह खुलासा अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में हुआ है। अखबार के अनुसार वेबसाइट्स को 10,000 रुपए से 21 लाख 70 हजार रुपए तक के विज्ञापन दिए गए हैं। ये जानकारी कांग्रेस विधायक बाला बच्चन द्वारा किए गए एक सवाल के जवाब में मिली है।इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 26 वेबसाइट्स ऐसी है जिन्हें 10 लाख रुपए तक के विज्ञापन जारी किए गए है जिनमे से 18 पत्रकारो या उनके रिश्तेदारों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। करीब 81 वेबसाइट्स ऐसी है जो पत्रकारों के रिश्तेदारों द्वारा चलाए जाते हैं जिन्हें 5 से 10 लाख रुपए तक का विज्ञापन मिला है।इन वेबासइट्स में से www.failaan.com को 18.70 लाख रुपए , http://www.deshbhakti.com को 8.75 लाख रुपए, http://www.rashtrawad.com को  8.25 लाख  रुपए, http://www.citychowk.com को 11.90 लाख रुपए ,http://www.prakalp.org को 10.60 लाख रुपए के विज्ञापन जारी किए गए हैं। ये वो वेबासइट्स हैं जो अलग अलग नामों से हैं  लेकिन इनका कंटेट और कॉंटैक्ट एड्रेस एक ही है।

अगर हम  www.failaan.com और www.indiannews&view.com की बात करें तो  जहां एक के मालिक का नाम प्रखर अग्निहोत्री बताया जा रहा है वहीं दूसरी वेबसाइट का मालिक राजेश अग्निहोत्री हैं। हालांकि सूची में दोनों का कांटैक्ट एड्रैस एक ही है। बता दें किwww.indiannews&view.com को अब तक 8.75  लाख रुपए का विज्ञापन जारी किया जा चुका है। इंडियन एक्सप्रेस  के अनुसार एक लोकल न्यूज चैनल स्वराज एक्सप्रेस में काम करने वाले राकेश अग्निहोत्री इस बात की पुष्टि की है कि प्रखर और राजेश उनके रिश्तेदार हैं।अखबार की माने तो बड़ी संख्या में वेबसाइट्स ने एबाउट अस या कॉंटैक्ट अस वाले कॉलम में कॉंटैक्ट डिटेल्स नहीं बताई है। जब जनसंपर्क विभाग के कमिश्नर अनुपम रंजन से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि ;वेबसाइट्स खबरों का नया माध्यम है। इस नए माध्यम को लोकप्रिय बनाने के लिए हम पैसे दे रहे हैं , इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इन्हें कौन चलाता है। हालांकि हमने वेबसाइट्स को विज्ञापन देने की नीति में बदलाव किया है। पैसा देने के पहले हम इस बात की जांच करेंगे कि ये चल रहे हैं अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि हम वेबसाइट्स को उनके साइट पर हिट्स के आधार पर देते हैं अगर विज्ञापन पाने के बाद ये वेबसाइट्स बंद कर दी जाती हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते।’

इस मामले में विधायक बाला बच्चन का कहना है कि विज्ञापन उन वेबसाइट्स को दिया जाना चाहिए जो वास्तविक हैं और वास्तविक पत्रकारों द्वारा संचालित की जा रही हैं लेकिन ये ऐसे लोगों को क्यों दिया जा रहा है भाजपा से जुड़े हैं? ऐसी स्थिति में पत्रकार अपना काम स्वतंत्रता से नहीं कर सकते हैं। अपने रिश्तेदारो और प्रायः पत्नियों द्वारा संचालित किए जा रहे वेबसाइट्स को लेकर उनके पत्रकार दोस्तों ने उनका बचाव करने की कोशिश की है। ऐसी ही एक वेबसाइट www.burningnews.org, जिसे अब तक 20.70 लाख रुपए का विज्ञापन जारी किया गया है उसे संचालित करने वाली सुमन शर्मा के पति नितेंद्र शर्मा जो खुद एक अंग्रेजी दैनिक के संपादक है उन्होंने कहबा कि मेरी पत्नी को वेबसाइट चलाने का हर हक है। ये कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। वहीं   www.dakhal.net की श्रुति अनुराग उपाध्याय के बारे में उनके पति अनुराग उपाध्याय जो पहले इंडिया टीवी में पत्रकार रहे चुके हैं कहते हैं कि मेरी पत्नी वेबसाइट को चलाने के लिए समर्पित है। इस वेबसाइट को अब तक 19.7 लाख रुपए का विज्ञाापन जारी हो चुका है। यहां एक बात और गौर करने लायक है कि उपरोक्त वेसबाइट्स में अधिकतर अपडेट नहीं होती।

 
 

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