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हमलावरों को 7 साल सजा और 5 लाख तक देना होगा जुर्माना

कोरोना वारियर्स को लेकर बने कड़े क़ानून को कैबिनेट की मंजूरी

लखनऊ (राघवेन्द्र प्रताप सिंह): उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में उस अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हमले में कडी सजा का प्रावधान है। इस कानून के पास हो जाने के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों पर हमला करने वालों को सात साल तक की सजा हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता मे बैठक में इस आशय के अध्यादेश को मंजूदी दी गयी। केन्द्र सरकार इस प्रकार के कानून को पहले ही बना चुकी है। उसी की तर्ज पर योगी सरकार ने भी प्रदेश में कोरोना वारियर्स की सुरक्षा को लेकर यह कडा क़ानून बनाया है।

इस नए कानून के तहत डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों और स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना वारियर्स से की गई अभद्रता या हमले पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान और पचास हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। इसके साथ ही राज्य और जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया गया है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिले में जिलाधिकारी प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे।

गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस फैलने के बाद कई जिलों में जब स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना प्रभावित संक्रमितों के इलाज करना चाहा तो उन पर हमला किया गया। ऐसी घटनाएं देश के कई हिस्सों मे हो चुकी है। जबकि यूपी मे कई जिलों में इस तरह की घटनाएं शामिल हैं। कानपुर आगरा मेरठ सहारनपुर अलीगढ में इस तरह की कई घटनाएं सामने आने के बाद ही योी सरकार ने इस बात का फैसला लिया है।

क़ानून में भड़काने और उकसाने पर भी कड़ी सजा का प्राविधान

चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिस कर्मियों एवं किसी भी कोरोना वारियर्स पर थूकने या गंदगी फेंकने पर और आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। इस कानून के तहत कोरोना वारियर्स के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके तहत दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का और पचास हजार से 2 लाख तक का जुर्माने का प्रवाधान है।

राज्य और जिला स्तर पर बनेगा ‘महामारी नियंत्रण प्राधिकरण’

इस नए अध्यायदेश के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसका अध्यक्ष डीएम होगा। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।

इन प्रावधानों को भी कैबिनेट से मिली मंजूरी

  1. क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार रुपए से लेकर एक लाख तक होगा।
  2. अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना 50 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माने और लॉक डाउन तोड़ने, इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है।
  3. अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है, और 50 हजार रुपये से एक लाख तक का जुर्माना देय होगा।
  4. अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करता है तो उसके लिए एक से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है।
  5. नए अध्यादेश में सरकार ने कोरोना पर नियंत्रण और इलाज के लिए दो प्राधिकरणों के गठन का भी फैसला हुआ है। इस क्रम में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा। इसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। इसके अलावा डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण का भी गठन होगा।
  6. राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों में समन्वय स्थापित करेगा।

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