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बकरीद पर शिया धर्मगुरु की अपील, घर में पढ़ें नमाज वहीं करें कुर्बानी

लखनऊ, 27 जुलाई, दस्तक (ब्यूरो) :  ईद उल-अजहा बकरीद का त्योहार 1 अगस्त को मनाया जाएगा। इसके मद्देनजर शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने सभी से अपील की है कि वह घरों में रहकर ही नमाज अदा करें और बाहर न निकलें। शिया धर्मगुरू ने यह अपील इसलिए की है क्योंकि कोरोना वायरस पूरे देश और दुनिया में फैला हुआ है और सरकार द्वारा जो गाइडलाइन जारी की गयी है उस पर अमल करना जरूरी है। शिया धर्मगुरु के मुताबिक, बकरीद की नमाज हम घर पर अकेले भी पढ़ सकते हैं और घर पर चार लोगों के साथ भी नमाज पढ़ी जा सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि कुर्बानी वाजिब उस वक्त होती है जब हम हज करने जाते हैं। अगर हम हिंदुस्तान में हैं और हमारे ऊपर ताकीद की गई है, तब हम कुर्बानी कर सकते हैं। यह हमारे इख्तियार में है, इसीलिए हम कुर्बानी बिल्कुल कर सकते हैं, लेकिन जिस तरीके से हमारे मुल्क के अंदर और सूबे के अंदर कोरोना बढ़ रहा है, यह चिंता का विषय है।

जिस की परमिशन नहीं है वहां कार्य नहीं करना चाहिए-सैफ अब्बास

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कुर्बानी सुन्नते मुअक्कद है। अगर आपके घर में बकरा है या हमें कहीं जानवर मिल जाए तो उसकी कुर्बानी घर में कर सकते हैं। जहां तक बाजार में कुर्बानी करने की बात है तो जो गाइडलाइन आयी हैं हमें उसे फॉलो करना चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए और जिस की परमिशन नहीं है वहां कार्य नहीं करना चाहिए। शिया धर्मगुरु ने कहा कि कुर्बानी के समय यह ध्यान दिया जाए कि जब बकरा कट रहा होता है तो उसका वीडियो बनाकर वायरल न किया जाए। और जिन जानवरों की कुर्बानी होती है उनकी ही कुर्बानी की जाए और जिस जानवर पर पाबंदी है हुकूमत की तरफ से, उसकी कुर्बानी बिल्कुल न की जाए। सड़क और गली में भी कुर्बानी न हो। कुर्बानी करने के बाद जो अवशेष और गंदगी बचती है उसे बाहर न फेंका जाए। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरीके से पहले हमारे पूर्वज गड्ढा खोदते थे और वहीं कुर्बानी करते थे ताकि जो गंदगी है, खून है और अवशेष है उसे गड्ढे में दफन कर दिया जाए। हमें भी इसी तरीके से कुर्बानी करनी चाहिए। अगर हम गंदगी दूसरों के घर में फैलाएंगे, तो वह भी हमारे घर में गंदगी फैलाएंगे, जरा सी भी लापरवाही बड़ी परेशानी को खड़ा कर सकती है। कोरोना वायरस में हमें खुद को भी महफूज रखना है और दूसरों को भी।

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