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पंडालों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध, ऐसे दर्शन देंगे विघ्नहर्ता, गाइडलाइन जारी

नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को है. कोरोना वायरस की वजह से इस वर्ष भी गणेशोत्सव पारंपरिक तरीके से नहीं मनाया जायेगा. आज बीएमसी और बेंगलुरू सिविक बाॅडी ने गणेश चतुर्थी को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. बीबीएमपी के चीफ कमिश्नर गौरव गुप्ता ने कहा कि आम जनता को कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करना चाहिए. यह हमसब की सुरक्षा के लिए जरूरी है. उन्होंने कोरोना को लेकर रिवाइज्ड गाइडलाइन जारी किया है. इसके अनुसार गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले के लिए सजा का प्रावधान भी किया गया है.

बेंगलुरू प्रशासन के अनुसार गणेश चतुर्थी का आयोजन सिर्फ तीन दिन के लिए होगा. हालांकि राज्य सरकार ने पांच दिन की अनुमति दी है. पिछले साल भी गणेश उत्सव का आयोजन तीन दिन ही हुआ था. गाइडलाइन के अनुसार गणेश उत्सव के दौरान मूर्ति लाते वक्त या विसर्जन के दौरान किसी जुलूस को निकालने की इजाजत नहीं होगी. मंदिर के अंदर, घरों में या मंडपों में सीमित लोगों के साथ आयोजन की अनुमति है. भीड़ नहीं लगाना है और आयोजन बिलकुल तरीके से किया जाना है. मूर्ति की ऊंचाई सार्वजनिक स्थलों पर चार फीट और घरों में दो फीट तक ही सीमित कर दी गयी है.

बीएमसी ने पंडालों में भगवान गणेश के दर्शन से आम लोगों को रोक दिया है. बीएमसी ने पूजा समितियों से कहा है कि वे भगवान गणेश के दर्शन के लिए आॅनलाइन व्यवस्था करें. बीएमसी ने मूर्ति लाने और विसर्जन के लिए लोगों की संख्या सीमित कर दी है. सरकार के निर्देश के अनुसार इस कार्य में 10 से अधिक लोग शामिल नहीं हो पायेंगे. वहीं घरों में मूर्ति स्थापित करने वालों के लिए यह संख्या पांच ही होगी. कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन अनिवार्य होगा. साथ ही जुलूस में शामिल होने वालों के लिए टीके की दोनों खुराक लेना अनिवार्य होगा. प्रतिमा की ऊंचाई पंडालों में चार फीट और घरों में दो फुट निर्धारित की गयी है.

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