यूपी में व्यापक वर्षा, बांध से पानी छोड़े जाने से बड़ा बाढ़ का खतरा
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिमी मानसून की सक्रियता बनी हुई है और राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान अनेक स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई, मौसम विभाग ने अगले छह दिनों तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है।
आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बारिश हुई, इस दौरान एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी) में सबसे ज्यादा 26 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा कैसरगंज (बहराइच) में 21 सेंटीमीटर, रामनगर (बाराबंकी) में 15, हैदरगढ़ (बाराबंकी) में 14, सिरौलीगौसपुर (बाराबंकी) में 13, फतेहपुर (बाराबंकी) में 12, कर्नलगंज (गोंडा) में 11, कन्नौज में नौ, घोरावल (सोनभद्र) और चांदपुर (बिजनौर) में सात-सात, कन्नौज, बाराबंकी, बिलारी (मुरादाबाद) और नौगांवा सादात (अमरोहा) में छह-छह सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। मौसम केंद्र लखनऊ की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में आगामी 18 जुलाई तक कई स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है। कुछ क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा भी हो सकती है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के 58 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
सहारनपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले में लगातार चार दिनो से हो रही वर्षा के बीच नगला थाना क्षेत्र स्थित कोटा गांव की रहने वाली 52 वर्षीय महिला सरला देवी का कच्चा मकान ढह गया, जिसके मलबे में दबकर महिला की मौत हो गई। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जल भरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा की वजह से घाघरा नदी, एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान को पार कर गई है और इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
राहत आयुक्त कार्यालय से मिली सूचना के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज से लगभग 1.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से प्रभावित होने वाले जिलों शामली, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद और इटावा के स्थानीय प्रशासन से बातचीत कर स्थिति के लिए तैयारी करने को कहा गया है शामली जिले में पांच गांवों में जलभराव की स्थिति है, मगर इससे किसी प्रकार की आबादी प्रभावित नहीं है। गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद और इटावा में बाढ़ की स्थिति नहीं है। सहारनपुर पहले से ही बाढ़ से प्रभावित है और लगभग 2000 लोग बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं।