आबकारी नीति घोटाला : दिल्ली की अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित की
नई दिल्ली। दिल्ली की अदालत ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही दिल्ली आबकारी नीति मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि सिसोदिया ने यह दिखाने के लिए मनगढ़ंत ई-मेल भेजे थे कि नीति के लिए सार्वजनिक स्वीकृति थी।
ईडी के वकील ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अदालत से कहा कि हमारे पास सबूत हैं कि सिसोदिया ने ई-मेल भेजे थे। ये न केवल आबकारी विभाग के आधिकारिक ई-मेल खाते में से प्राप्त हुए थे, बल्कि उनके व्यक्तिगत ई-मेल खाते में से भी प्राप्त हुए थे। ईमेल की सामग्री सिसोदिया द्वारा दी गई थी जो उनके एजेंडे के अनुरूप थी।
ईडी ने अदालत को बताया कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान को इन प्री-ड्राफ्टेड ई-मेल भेजने के निर्देश दिए गए थे, जिन्होंने अपने इंटर्न को ई-मेल भेजने के लिए कहा था।
ईडी के वकील ने कहा, फर्जी ई-मेल यह दिखाने के लिए भेजे गए थे कि आबकारी नीति के लिए सार्वजनिक मंजूरी थी। यह एक दिखावटी मंजूरी थी। रिश्वत के बदले शराब कार्टेल (ग्रुप) को लाभ देने के लिए एक अवैध पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया था।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक जोहेब हुसैन ने तब न्यायाधीश से कहा कि एजेंसी उन्हें केस डायरी दिखाना चाहती है। इस पर सिसोदिया के वकील ने कहा कि ऐसा गोपनीयता से नहीं किया जाना चाहिए।
सिसोदिया की ओर से वकील ने कहा, सीलबंद कवर व्यवसाय जाना चाहिए। अगर मेरे खिलाफ किसी चीज का इस्तेमाल मेरी आजादी से इनकार करने के लिए किया जाता है, अगर वे मेरी पीठ पीछे किसी चीज पर भरोसा कर रहे हैं, तो यह मुझे भी दिखाया जाना चाहिए।
हालांकि, जांच एजेंसी ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए दिए गए 60 दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं। ईडी के वकील ने कहा, हम इसे 60 दिनों के बाद आपको दिखाएंगे। इसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल के लिए स्थगित कर दी।