UN: आतंकवाद के समर्थक देशों को बाहर निकालें, विदेश सचिव क्वात्रा का सुरक्षा परिषद में आह्वान
संयुक्त राष्ट्र: भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरेस से मुलाकात की। उन्होंने कई अहम मुद्दों पर भारत की राय उनके समक्ष रखी। सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना और उसके अभियानों व कार्यों को नए सिरे से परिभाषित करने का आह्वान किया। उन्होंने उन देशों को सुरक्षा परिषद से बाहर निकालने की मांग की, जो आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने चीन व पाकिस्तान का नाम लिए बगैर यह बात कही। क्वात्रा ने गुतेरेस समेत संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष नेताओं से मुलाकात में कई गंभीर चिंताजनक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने यूएन महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी से भी मुलाकात की। उन्होंने सत्र के लिए पीजीए की प्राथमिकताओं पर चर्चा के साथ भारत की उनमें भागीदारी के तौर तरीकों पर भी विचार विमर्श किया।
सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने शांति सेना पर नए सिरे से मंथन पर जोर दिया। क्वात्रा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान अक्सर ऐसे उद्देश्यों से बोझिल हो जाते हैं, जो शांति स्थापना के पारंपरिक जनादेश से परे होते हैं। समय की मांग है कि इसे लेकर समग्र दृष्टिकोण, समन्वित कार्रवाई और स्पष्ट रणनीति बनाई जाए। विदेश सचिव ने शांति स्थापना को उद्देश्यपूर्ण और सुपरिभाषित रखने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने बताया कि लगभग 5800 भारतीय शांतिरक्षक संयुक्त राष्ट्र के 12 देशों में जारी शांति अभियानों में से नौ में तैनात हैं।
क्वात्रा ने गुरुवार को घाना की अध्यक्षता में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस को संबोधित किया। इसमें उन्होंने अंतरर्राष्ट्रीय समुदाय से उन देशों को बाहर निकालने का आग्रह किया, जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं और यूएन सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों से उनका बचाव करते हैं। विदेश सचिव ने यह बात पाकिस्तान और चीन के परोक्ष संदर्भ में कही। विदेश सचिव ने कहा कि आतंकवाद से उत्पन्न खतरे के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर आवाज उठाने की जरूरत है।
बता दें, चीन और पाकिस्तान आतंकवाद का परोक्ष रूप से समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने पिछले पांच माहों में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा परिषद में लाए गए गई प्रस्तावों का विरोध किया। चीन ने तो इन प्रस्तावों को पारित होने से रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल किया। चीन ने सुरक्षा परिषद के 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के प्रस्ताव के अनुरूप पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत व अमेरिकी प्रस्ताव का विफल कर दिया।