पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और विधायक भंवर लाल शर्मा कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित
जयपुर (एजेंसी): राजस्थान के राजनीतिक संकट के बीच गुरुवार देर शाम विधायकों की तथाकथित खरीद फरोख्त को लेकर हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने सख्त कदम उठाते हुए पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और विधायक भंवर लाल शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ऑडियो टेप में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम आने के बाद उनसे भी पार्टी ने सामने आकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
पार्टी पर्यवेक्षक रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को होटल फेयरमाउंट में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में गुरुवार शाम दो सनसनीखेज व चौंकाने वाले ऑडियो टेप मीडिया के माध्यम से सामने आए। इन ऑडियो टेप से तथाकथित तौर से केंद्रीय कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा व भाजपा नेता संजय जैन की बातचीत सामने आई है। इस तथाकथित बातचीत से पैसों की सौदेबाजी व विधायकों की निष्ठा बदलवाकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार गिराने की मंशा व साजिश साफ है। यह लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय है। उन्होंने बताया कि टेप सामने आने के बाद पार्टी ने सख्त कदम उठाते हुए पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और विधायक भंवर लाल शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित करते हुए कारण बतायो नोटिस जारी किया है।
सुरजेवाला ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि मणिपुर, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के बाद सत्ता लूटने का खुला खेल अब राजस्थान में खेला जा रहा है, लेकिन उन्होंने गलत राज्य चुन लिया है। आए दिन षडयंत्र के सबूत सामने आ रहे हैं। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार से मांग की है कि प्रथम दृष्टि से राजस्थान कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश में शामिल केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, विधायक भंवर लाल शर्मा व संजय जैन के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा एफआईआर दर्ज की जाए। पूरी जांंच हो और अगर पद का दुरुपयोग कर जांंच प्रभावित करने का अंदेशा हो तो वॉरंट लेकर गजेंद्र शेखावत की फौरन गिरफ्तारी की जाए। इसके अलावा पैसे का आदान-प्रदान किस प्रकार से हो रहा है व यह सारा काला धन किसने मुहैया करवाया, कहां से आया, हवाला से ट्रांसफर कैसे हुआ और किस-किस को दिया गया, इसकी संपूर्ण जांंच हो। वहीं सचिन पायलट भी आगे आकर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।
ऑडियो में नाम आने पर विधायक चेतन डूडी भी वार्ता में मौजूद रहे। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें प्रलोभन देने की कोशिश की गई थी लेकिन पार्टी और देश के प्रति निष्ठा के कारण उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जो एजेंसियां जांच कर रही है तो उनके समक्ष अपनी बात रखना चाहूंगा। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी मामले की तह तक जाकर जांच करने की मांग की और कहा कि भाजपा का षडयंत्र सामने आ गया है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं आने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि आपके समक्ष जो बातें थी, मुख्यमंत्री रखें या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रखे या मैं रखूं बात बराबर है।