अन्तर्राष्ट्रीय

हरदीप निज्जर मौत मामलाः ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन ने कनाडा के बयान से किया किनारा

कनाडा : कनाडा में सिख अलगाववादी नेता की हत्या में ‘‘भारत सरकार के एजेंट का हाथ” होने के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के ‘‘आरोपों” की जांच के बीच वहां की सरकार ने शीर्ष भारतीय राजनयिक को देश ने निष्कासित कर दिया है। खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत में ‘सरकार के एजेंटों’ की कथित भूमिका पर भारत को कूटनीतिक रूप से घेरने की कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कोशिश तब बुरी तरह विफल हो गई है, जब उसके तथाकथित “निकटतम सहयोगियों” ने इस मुद्दे पर नई दिल्ली की निंदा करने से इनकार कर दिया।

इससे पहले ट्रूडो ने ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन सहित कनाडा के कुछ करीबी सहयोगियों के नेताओं को जानकारी दी। जबकि ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने इस घटना पर अपनी राय व्यक्त नहीं की, उनके ब्रिटिश समकक्ष के प्रवक्ता ने कहा कि ऋषि सुनक सरकार की प्राथमिकता भारत के साथ व्यापार समझौता सुरक्षित करना है।

इस बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर अपने कनाडाई समकक्षों के साथ निकट संपर्क में हैं और कहा कि वे आरोपों के बारे में “काफी चिंतित” हैं। कैनबरा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, एक रिपोर्टर ने अल्बानियाई से पूछा कि क्या उन्होंने खालिस्तान आतंकवादी की मौत पर इस महीने भारत में जी20 की बैठक में व्यक्तिगत रूप से भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चिंता जताई थी।

जब ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी से रिपोर्टर ने पूछा, “आपके विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसने कनाडा में एक सिख कार्यकर्ता की मौत में कथित भूमिका के बारे में भारत सरकार के साथ चिंता जताई है, क्या आपने G20 में मोदी के साथ व्यक्तिगत रूप से उन चिंताओं को उठाया है और क्या आपको उनके दौरे पर उन्हें बॉस कहने पर अफसोस है?” इस पर अल्बानीज़ ने जवाब दिया, “सच में, आपको थोड़ा आराम करना चाहिए। आप जानते हैं, हम उस स्थान पर थे जहां पिछली बार जब मैं वहां था तो ब्रूस स्प्रिंगस्टीन ने खेला था। उन्होंने कहा, ”मैंने प्रधानमंत्री मोदी का ऑस्ट्रेलिया में स्वागत किया, जैसे मैं अन्य मेहमानों का भी ऑस्ट्रेलिया में स्वागत करता हूं।”मुझे भारत द्वारा आयोजित G20 में शामिल होने का सौभाग्य मिला है। यह एक प्रमुख कार्यक्रम था जिसने आंशिक रूप से हमारे क्षेत्र के देशों के उत्थान का संकेत दिया।”

प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि ब्रिटेन कनाडा के अधिकारियों के साथ “करीबी संपर्क” बनाए हुए है। ब्रिटेन की सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम इन आरोपों को लेकर कनाडा के अधिकारियों के साथ करीबी संपर्क बनाए हुए हैं। कनाडा के अधिकारियों द्वारा की जा रही जांच के दौरान इस मामले पर टिप्पणी करना अनुचित होगा।” बाद में सुनक के प्रवक्ता ने इस मामले पर पत्रकारों से कहा कि भारत के साथ व्यापार वार्ताएं “पहले की तरह” जारी रहेंगी। भारत और ब्रिटेन ने इस महीने की शुरुआत में “ऐतिहासिक” मुक्त व्यापार समझौते को लेकर तेजी से काम जारी रखने पर सहमति जताई थी।

कनाडा के बयान पर अमेरिका का भी रिएक्शन आया है। अमेरिका ने कहा कि वह कनाडा के Surrey शहर में ‘सिख कार्यकर्ता’ की हत्या को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत पर आरोपों से ‘बेहद चिंतित’ है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर हम बेहद चिंतित हैं, हम कनाडा के अपने सहयोगियों के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं, यह जरूरी है कि कनाडा जांच करें और अपराधियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करे।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि वह भारत को ‘‘उकसाना या तनाव बढ़ाना” नहीं चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने नयी दिल्ली से सिख अलगाववादी नेता की हत्या को ‘‘बेहद गंभीरता” से लेने का आग्रह किया। एक खालिस्तानी अलगाववादी नेता की जून में हुई हत्या में भारत के ‘‘संभावित” जुड़ाव संबंधी ट्रूडो के आरोपों का हवाला देकर एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद भारत ने एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने की मंगलवार को घोषणा की। भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद ट्रूडो का यह बयान आया है।

कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार को इस मामले को ‘‘बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है।” उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा कर रहे हैं। हम उकसाने या तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।” ट्रूडो ने कहा, ‘‘हम सब कुछ स्पष्ट करने और उचित प्रक्रियाएं सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ काम करना चाहते हैं।” भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उन आरोपों को ‘‘बेबुनियाद” बताकर सिरे से खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंट के बीच ‘‘संभवत: कोई संबंध” है।

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