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लापरवाही : अवैध नर्सिंग होम संचालकों के आगे स्वास्थ्य महकमा नतमस्तक

ग़ाज़ीपुर, 2 जनवरी 2022 (आरिफ वारसी) : ज़मानियां थाने से कुछ दूर पर यशवी नर्सिंग होम के नाम से धड़ल्ले के साथ फल फूल रहा है। जब इसके सही मालिक डॉ मधुलिका गुप्ता को मालूम चला तो उन्होंने फौरन सीएमओ गाजीपुर के साथ लखनऊ पुलिस कर्मी को सूचना देकर अवगत कराया। इस वक्त डॉ मधुलिका गुप्ता लखनऊ मेडिकल कालेज में तैनात है। इस तरह के अवैध नर्सिंग होम संचालकों के आगे स्वास्थ्य महकमा नतमस्तक, जांच की अधिकारी करते है। खानापूर्ति, गांव से लेकर शहर तक चल रहा कारोबार जिला मुख्यालय सहित तहसील मुख्यालय स्थित एनएच सड़क पटरी किनारे फर्जी नर्सिंग होमों का संचालन विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। इस अवैध कारोबार को ना कोई रोकने वाला है और ना ही कोई टोकने वाला है। लिहाजा लापरवाही की वजह से ऐसे नर्सिंग होम में आये दिन जच्चा बच्चा की मौत होती रहती है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो आशा कार्यकर्ता की सांठगांठ व कमीशन के बलबूते यह अवैध नर्सिंग होम संचालन का धंधा फल फूल रहा है और फर्जी नर्सिंग होम संचालकों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। बताया जाता है कि स्टेशन बाजार से लेकर तहसील मुख्यालय एनएच 24 सड़क पटरी किनारे से लेकर दिलदार नगर पांडेय मोड़ तक व अस्पताल के आसपास व स्वास्थ्य कर्मियों के रहमो करम पर संचालित ऐसे नर्सिंग होम बिना रोकटोक से चल रहा है। बताया जा रहा है। ऐसे कार्यों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं ज़मानियां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पूर्व प्रभारी डॉ रुद्रकांत सिंह के कार्यकाल और उनके शाह पर कारोबार फल फूल रहा था। और आज भी फल फूल रहा है। कार्यवाई के नाम पर सिर्फ कागजी घोड़े ही दौड़ाए जाते हैं। इन संचालकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने से विभागीय अधिकारियों पर साठगांठ के आरोप भी लगाये जाने लगे हैं। यही नही यहां मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने के बाद भी उन्हें समुचित उपचार मुहैया नहीं कराया जाता है।

जानकारों की मानें तो सरकारी अस्पताल के ठीक बगल में हो रहा है या फिर तहसील मुख्यालय के इर्द गिर्द या ग्रामीण अंचलों के हर तरफ कारोबार चरम पर है। सबसे ज्यादा छोटे चट्टी चौराहों पर नर्सिंग होम का कारोबार चल रहा है। जिसमें  दर्जनों गांव है जहां निजी मकान में मानक को दरकिनार कर नर्सिंग का कारोबार चल रहा है। मरीज व परिजनों के साथ की जाती है मनमानी। नर्सिंग होम के संचालक मरीजों और उनके परिजनों के साथ मनमानी करते हैं। जिले भर में ऐसे कई मामले सामने चुके हैं लेकिन अभी तक कार्रवाई किसी संचालक पर नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जो क्लीनिक और नर्सिंग होम नियमों और शर्तों की पूर्ति नहीं करते हैं, निरीक्षण करने के दौरान संबंधित टीम सख्त रुख अख्तियार तो करती है लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए। बाद में पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। और कमीशन के चक्कर में आशाकर्मी पहुंचाती है नर्सिंग होम। और कमीशन के चक्कर में आशा कार्यकत्री पीड़ित को मौत के मुंह में झोंकने में जरा भी संकोच नहीं करती है।

आशा का यह कारनामा किसी से छिपा नहीं है। इस तरह के दर्जनों मामले सामने आ चुकी है। हालांकि इन नर्सिंग होम में किसी की मौत होने पर संचालक सहित उनके सहयोगी सक्रिय हो जाते हैं और कुछ ले देकर मामले को रफा दफा करने के लिए दबाव बनाते है। पीड़ित व्यक्ति के रिश्तेदारों पर राजनीतिक प्रभाव का भी इस्तेमाल करते है और केस मुकदमा नहीं हो इसके प्रयास में जुट जाते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ऐसे फर्जी संचालकों पर कब तक कार्यवाई करती है यह देखना बांकी होगा। इस बावत सीएमओ गाजीपुर ने बताया कि अवैध ढंग से पनप रहे नर्सिंग होम पर बहुत जल्द विभागीय स्तर पर कार्यवाई के लिये अभियान चलाया जाएगा। इस तरह के कार्य मे सहयोग करने वाले विभागीय कर्मी बख्शे नही जाएंगे।

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