बेलारुस में मानवाधिकार के पैरोकार, नोबेल शांति पुरस्कार मिला रूस व यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन को
स्टाकहोम : नोबेल शांति पुरस्कार का शुक्रवार को ऐलान कर दिया गया। यह सम्मान संयुक्त तौर पर बेलारूस के मानवाधिकार पैरोकार Ales Bialiatski के अलावा रूस व यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन को दिया गया है। इससे पहले गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में फ्रांस की लेखिका को नोबेल से सम्मानित किया गया था। पहली बार 1901 में इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी।
ओस्लो में शांति पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की गई। नार्वे की नोबेल कमेटी के अध्यक्ष Berit Reiss-Andersen ने इस पुरस्कार का ऐलान किया। उन्होंने बेलारूस से जेल में बंद Byalyatski की रिहाई की भी अपील की। हालांकि इसे रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के खिलाफ देखा हा रह है, जो आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं।
इसके मद्देनजर एंडरसन ने कहा, ‘हमेशा यह पुरस्कार किसी चीज के लिए ही किसी को दी जाती है, न कि किसी के खिलाफ।’ पिछले साल जुलाई में बेलारुस की सिक्योरिटी पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पैरोकारों के घरों पर छापे मारे थे। पुरस्कार देने वाली कमेटी ने कहा, ‘युद्ध अपराधों, मानवाधिकार शोषण आदि को लेकर इन्होंने उल्लेखनीय काम किए हैं।’
ओस्लो में शांति पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की गई। नार्वे की नोबेल कमेटी के अध्यक्ष Berit Reiss-Andersen ने इस पुरस्कार का ऐलान किया। सोमवार, 3 अक्टूबर से नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुरू हुई है। सबसे पहले चिकित्सा जगत में नीअंडरथल डीएनए के रहस्यों का पता लगाने वाले वैज्ञानिक वांते पाबो को दिया गया है। इसके बाद मंगलवार को फिजिक्स में तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त तौर पर पुरस्कृत किया गया। इन्होंने दिखाया था कि छोटे-छोटे अणुओं को अलग करने के बावजूद इनके बीच कनेक्शन होता है।
अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में था नोबेल पुरस्कार का जिक्र
विस्फोटक डायनामाइट की खोज करने वाले अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में नोबेल पुरस्कार का जिक्र था।