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अब दिल्ली में प्रदूषण के कारणों का पता लगाएगा IIT कानपुर, DPCC के साथ हुआ समझौता; कैबिनेट ने लगाई मुहर

दिल्ली कैबिनेट (Delhi Cabinet) ने मंगलवार को IIT कानपुर (IIT Kanpur) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के बीच शहर में प्रभावी प्रदूषण प्रबंधन के लिए वास्तविक समय में कारणों का पता लगाने संबंधी अध्ययन के लिए एक समझौते को मंजूरी दे दी. कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की. केजरीवाल ने कहा कि यह परियोजना राजधानी में प्रदूषण के पीछे के कारकों की पहचान करने और उन्हें हल करने में अहम साबित होगी. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश शर्मा ने इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव भी पेश किया.

12 करोड़ रुपए की ये परियोजना दिल्ली में किसी भी स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों जैसे वाहन, धूल, पराली जलाना और उद्योगों से उत्सर्जन आदि की पहचान करने में मदद करेगी. दिल्ली में स्मार्ट हेल्थकार्ड योजना के लिए बजट आवंटन को मंजूरी मिल गई है. दिल्ली सचिवालय में हुई शीर्ष बैठक के दौरान इस योजना के विभिन्न पक्षों पर विचार-विमर्श के बाद कैबिनेट ने इसके बजट को अपनी स्वीकृति दे दी. स्मार्ट कार्ड योजना के अंतर्गत दिल्ली के सभी नागरिकों का एक कार्ड बनाया जाएगा. इसके माध्यम से वे दिल्ली के किसी भी अस्पताल में इलाज करा सकेंगे. इस कार्ड में एक चिप के माध्यम से व्यक्ति के स्वास्थ्य का पूरा रिकॉर्ड रखा होगा और लोग जब किसी नए डॉक्टर से स्वास्थ्य सेवाएं लेंगे तो उसे इसके माध्यम से पूरी जानकारी मिल जाएगी. इस योजना को बेहद क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है.

स्मार्ट हेल्थकार्ड भी वोटर आईडी कार्ड की तरह एक कार्ड होगा. इसमें इलाज और स्वास्थ्य की पूरी जानकारी सुरक्षित होगी. यह जानकारी क्लाउड पर भी सुरक्षित रखी जाएगी, जिससे इसमें रखी सूचना के खोने या करप्ट होने की कोई आशंका नहीं होगी. कार्ड में सुरक्षित रखी गई सूचना का किसी तरह से उपयोग न किया जा सके, इसके लिए इसमें पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं. बच्चों के स्मार्ट कार्ड उनके अभिभावकों के कार्ड के आधार पर बनाए जाएंगे.

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