बिहारराज्य

बिहार में शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी को वित्त विभाग की हरी झंडी, बढ़ेगा 15 फीसदी वेतन

पटना: बिहार के साढ़े तीन लाख शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी की राशि शिक्षा विभाग देने की तैयारी कर रहा है. शिक्षा विभाग ने प्रदेश के नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसदी का इजाफा किया था. नियोजित शिक्षकों के वेतन में 15 फीसदी की वृद्धि होने के बाद उनका वेतन साढ़े हजार रूपये तक बढ जायेगा.विभाग के मुताबिक वेतन बढ़ने के बाद किसी भी नियोजित शिक्षक का कम से कम 25 सौ रुपये से 45 सौ रुपये तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. वेतन एक अप्रैल 2021 से मिलना है. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग की तरफ से वित्त मंत्रालय को भेजी गयी फाइल पर संभवत: मुहर लग गयी है.

जानकारी के मुताबिक वर्तमान में प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को मार्च 2020 तक मान्य वेतन ही मिल रहा है. फिलहाल शिक्षा विभाग चाहता कि शिक्षकों की देन दारी को पूरा किया जाये. ताकि नये वित्तीय वर्ष में उस पर कम दबाव पड़े. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग आने वाले कुछ ही समय में वेतन बढ़ोतरी का पैसा शिक्षकों के खाते में जारी कर सकता है.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसदी की वृद्धि करनी है. कुल वेतन पर यह बढ़ोतरी काउंट नहीं की जायेगी. विशेष तथ्य है कि वेतन मंजूरी को न केवल कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है, बल्कि उसके बाद होने वाली औपचारिकताएं मसलन वेतन बढ़ाने का संकल्प और अधिसूचना तक जारी की जा चुकी है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षकों को कई महीने का एरियर भी मिलेगा. जिन शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा, उनमें प्रारंभिक, माध्यमिक औऱ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के पंचायतीराज एवं नगर निकायों के शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष शामिल हैं.

शिक्षकों औऱ पुस्तकालयाध्यक्षों को इस वेतन वृद्धि का लाभ एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से मिलेगा. शिक्षकों को अप्रैल 2021 से अब तक का एरियर भी मिलेगा. नियोजित शिक्षकों को वेतन बढ़ाने से सरकार को हर साल तकरीबन 1950 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च करने होंगे. मालूम हो कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को पिछले सवा साल से वेतन वृद्धि का इंतजार था. बिहार सरकार ने कैबिनेट की बैठक में पिछले साल ही वेतन बढ़ाने की मंजूरी दी थी. शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने 18 अगस्त, 2020 को ही लिया था.

कैबिनेट के फैसले के बाद 7-8 महीने तक वेतन वृद्धि की फाइल शिक्षा विभाग में टेबुलों पर घूमती रही. इस साल मार्च में शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग के पास मंजूरी के लिए फाइल भेजी थी. 8 महीने बाद अब वित्त विभाग ने एक अप्रैल 2021 के प्रभाव से नियोजित शिक्षकों का वेतन बढाने की मंजूरी दे दी है. बिहार के नियोजित शिक्षको के वेतन में 6 साल पहले वृद्धि की गयी थी. एक जुलाई 2015 को शिक्षकों का वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी. दो साल 2017 में सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप वेतन में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. अब शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को 15 प्रतिशत की वृद्धि दी गई है.

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